Book Title: Karmgranth tatha Sukshmarth Vicharsar Prakaran
Author(s): Veershekharvijay
Publisher: Bharatiya Prachya Tattva Prakashan Samiti

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Page 694
________________ [11 सार्धशतकनामप्रकरणम् चउठाणरसपरिणया दुतिचउठाणाउ सेसाउ // 6 // 116 // पव्वयभूमीवालुयजलरेहासरिससंपराएहिं चउठाणाई असुहाण वच्चआओ. सुहाणं तु // 12 // 117 // घोसाडइनिंबुवमो 'असुहाण सुहाण खीरखंडुवमो / एगट्ठाणो य रसो अणंतगुणिया कमेणियरे // 13 // 118 // निंबुच्छरसाईणं दुतिचउभागा पुढो कढिज्जंता / 'किर एकभागसेसा दुतिचउठाणा रसा कमसो // 94 // 119 // इगदुअणुगाइ जा अभवणंतगुणसिद्धऽणतभागाणू / खंधा उरलोचियवग्गणाउ तह अगहणतरिया // 9 // 120 / / कमसो विउव्विआहार तेयभासाणपाणमणकम्मे / इय वग्गाणवगाहो ऊणूणंगुलअसंखंसो // 9 // 121 // एंगुत्तरा अभव्वाणंतगुणा अंतरेसु अग्गहणा / सर्वहि "जोग्गजहन्ना नियणंतसाहिया जिवा // 97 // 122 // जो मणुएवं गिहिय सोच्चिय दलियं जिओ परिणमेइ / भासाणा पाणमणोचियं च अवलंबए दव्वं // 8 // 123 // अप्पयरपयडिबंधो उक्कडजोगी य सन्निपज्जत्तो / कुणइ पएसुक्कोसं जहन्नयं तस्स वच्चासे // 66 // 124 / / " एतत् स्थितिस्थानयंत्रकं “एवं चिय ठिई" त्यादि गाथया निवृत्तम् / सूक्ष्म अप. स्तोक | 8 तेइं.. पर्या. ___ बाद. " संख्या. ह चउ. अप. | 10 " पर्या. बाद. 11 असं. अप. असं. ." पर्या. पर्या. संख्या . संज्ञि. अप. अप. 14 " पर्या. संख्या. م COTE م سم सूक्ष्म पर्या. ه م م و १"असुभाण सुभाण" इत्यपि / 2 “उ" इत्यपि / 3 “किल इक०" इत्वपि / 4 "तेयमासापु०" त्यपि / ५"जुग्ग०" इत्यपि / 6 "पाणु०" इत्यपि / .

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