Book Title: Karmgranth tatha Sukshmarth Vicharsar Prakaran
Author(s): Veershekharvijay
Publisher: Bharatiya Prachya Tattva Prakashan Samiti
View full book text ________________ बुद्धिपत्रकम् सप्ततिकाभिषषष्ठकमेग्रन्थटिपनके पृष्ठम् पङ्क्तिः अंशुद्धिः शुद्धिः पृष्ठम् पङ्क्तिः अशुद्धिः शुद्धि 3 15 अणि.। मणिः। सुहुम। 52 28 पमाण प्रमाण 8 24 3 32 52 29 दा-"ssहारक-दा-ऽऽहारकसप्तकोई सप्तकोद्वर्लनं लनं कृत्वव पुनः 12 11 / 2 / / 1 / / कृत्वैव" पुन 53 20 स्थितेष्वपि स्थितिष्वपि 14 22871-74 / 70-78 (गाथा) 15 2-18 20087. .86 ( 53 24 // 206 / / दयः // 206 / / (250) ) स्थान (250) 16 12 132 133 16 14.228- 2 711 (गाथाशः) 13945 26 16 एवं एवं 55 11 भग भंग 31 5 गिदिय - एगिदि 56 20 को कस्स। को कस्स। 56 27 // 29 // (363) // 26 // (365) 57 10 बंधविवस्त्रा बंधविवज्जा 31 22 29 57 17 ठवण ठेवणा 31 24 12 50 22 देसणारण दसणावरण 32 28 "एत्तौ" : एत्तो' 62 2 विना बावना 33 24 विगल 3) विगल (3) 4 6 बा मो. पा. अप. 65 1 नेषुमोह नेषु मोह 35 5 दो दो दो दो बंध. 67 8 केलीण केवलोम 38 15 ठवणी "ठवणी 60 31 प्रती 42 23 चूर्णिकार चूर्णिकारैः 69 23. जो 43 / पञ्चम पञ्च. 72 10 // 384 // (44) 1384 // 45) 43 23 क्या संश्य 441) 43 31 मुहुत्ता मुहूर्ता 72 12 // 38 // (45) // 34 // [442) 44 14 27 37 45 3 28 73 3 उठिवा वैश्विक 1 220 240 73 14 नके) मंत्रो के) इंगतीस नत्र 48 7 जाणा वीसं भेया 3 णां ठाणी 48 18 नोतिरिओ (504) भनी 131 13617 46 11 चउसतो चउर्सता 73 16 तेरस तीसे 50 / चउवियाण चरिबियाणं 75 49 4906 80 // (563) // 40 // 563) 275 8. (564) // 41 // (564) प्रती जो [442] %
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