Book Title: Karmgranth tatha Sukshmarth Vicharsar Prakaran
Author(s): Veershekharvijay
Publisher: Bharatiya Prachya Tattva Prakashan Samiti

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Page 715
________________ चक्षु कामणं वृत्ती असंयम० .. भसं० सर्वाः / अद्धिपत्रका प्रथमे परिशिष्टे पृष्ठम् पक्तिः अशुद्धिः शुद्धिः पृष्ठम् पङ्क्तिः अशुद्धिः 1 3 यन्त्रकानि यन्त्रकाणि 14 द्विक द्विक प्रथमाः 4 है 4 अमव्य अभव्यः 3 8 प्रथमा:४ है . कामं कार्म 3 15 तिय. तिर्य 1 12 चक्ष 3 11 सास्वादन च दशित सास्वादनं च दर्शितं / 15 शष. शेष०२ 4 3 सख्या गा है 18 सज्व संच 4 18-21 दुविध द्विविध , 30 कार्मण 4 21 अस असं 11 5 वृतौ" 4 25 ऽभिप्रायणे अभिप्रायेणे 11 8 अशुभा. अशुमा: ६/०७-२४/२२असा 12 7 असयमः 7 24 सर्वा 12 16 सर्वा सर्वाः 5 6 भणंत अनन्त 15 1 दशि . दर्शि 8 -5 भणन्त मनन्त 5 13 सर्वाल्पा सर्वाल्पाः 16 2 समविताः संभविताः है 2 कषाय कषायः असमषिताः असंभषिताः / 2 सर्वा सर्वाः 16 15 ऽमर द्वितीये परिशिष्टे 2 8 सम्मए समए / 61 12 वरिमं .०चरिमं 10 ०षययो वयवो 65 26 प्रतो प्रती 25 9 सीलस सोलस 66 28 "अपि- "अप१६ 1 वाख्योः 66 31 ऽति , स्ति 28 20 मन्स० मव्वस० 74 16 86 अमी 88 31 17 सत्तट्र० 86-88 असी सत्तट्ट 36 28 // 8 // 1159 // 80 19 नेह० . 40 22 नियहि नियट्टि 1 27 बुधु. बंधु 42 18 प्रदशितः प्रदर्शितः 83 4 // 7 // // 72 // 4. 5 // 4 // 4 // // 42 // 4 // 3 22 जां 47 29 चोयलं चोयालं 48 26 प्रस्तके : पुस्तके 4 4 4aa 46 31 स्यपि 4 28 // 51 // // 35 // 51 // 52 25 कमो / 7 16 बाहहवा० बाहवा० 5 14 सम्ल्या० सख्या. 5 13 // 18 // // 7 // 98. वाख्यो जसं M2007 इत्यपि क्रमो .

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