Book Title: Karmgranth tatha Sukshmarth Vicharsar Prakaran
Author(s): Veershekharvijay
Publisher: Bharatiya Prachya Tattva Prakashan Samiti

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Page 680
________________ सप्ततिकासारम् उदयट्ठाणाणि इमाणि पंच संताणि हुँति पुण तिनि / बाणउई य नवासी अट्ठासी तत्थ बंधदुगं // 43 // जह पुन्धि निढि पंचिंदियतिरियमणुयपाउग्गं / तह इहई विन्नेयं उदयट्ठाणाणि पुण बुच्छं // 44 // तेयइगं कम्मइगं वन्नाइचउकअगुरुलहुयं च / थिरमथिरं सुभमसुभं निम्मेण धुवोदया एए // 45 // निरयगई पंचिंदियजाई निरयाणुपुब्धि तसनामं / बायर तह पज्जत्तग भग अणइज्जमजसं च // 46 // चारस धुवोदयाओ इय इगलीसा भवंतरालम्मि / . हुंडं वेउव्विदुगं उवधायं तह य पत्तेयं // 47 // एयाहिं पणवीसा सरीरपत्तस्स आणुपुन्वि विणा / तत्तो सरीरपज्जत्तगस्स . परफायगमणा य // 48 // पक्खित्ते सगवीसा ऊसासे अहवीस 'इगुतीसा / सरसहिया अह संते बाणउया ताणि वोच्छामि // 49 // गइचउगजाइपणगं पंच सरीराणि पंच संघाया / पंचेव बंधणाई छस्संठाणाणि तह चेव / 50 // अंगोवंगाण तिगं छस्संघयणाणि वनगंधरसा / फासा सव्वे वीसं विहायुदु चउरो य अणुपुची // 51 // अगुरुलह उवधायं परघाऊसासआयवुज्जोयं / तसबायरपज्जत्तं परोयथिरं सुभं सुभगं // 52 // सूसरआइज्जजसं थावरदसगं . तसाइपडिवक्खो / निम्माणेणं सहिया वाणउई नामसंतम्मि // 53 / / आहारगं / सरीरं बंधणसंघायअंगुवंगं च / एएहि चउहि रहिया तित्थयरसमा नवासी य // 54 // तित्थयरनामरहिया अट्ठासी. अवसिया य निरयगई / इत्तो तिरियगईए वोच्छं धुदयसंताणि // 5 // तेवीस पन्नवीसा छब्बीसा इगुणतीस तीसा य / / एयाणि पंच एगिदियाण बंधस्स ठाणाणि // 56 // . 1 "गुणतीसा" इत्यपि /

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