Book Title: Karmgranth tatha Sukshmarth Vicharsar Prakaran
Author(s): Veershekharvijay
Publisher: Bharatiya Prachya Tattva Prakashan Samiti

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Page 682
________________ सप्ततिकासारम् उदयट्ठाणा छश्चिय पागयपंचिदितिरियाणं // 7 // एयाणिं अह विगलिंदियाण नाणत्तु जाइमाईहिं / पंचगसत्तगअट्ठगनवाहिया वीस तीसा . य // 7 // वेउब्वियतिरियाणं उदयट्ठाणाणि : पंच एयाणि / अस्संघयणी वेउव्वियत्ति नो एगहीणत्ति . // 73 // इगपंचछसत्तट्ठगनवाहिया वीस तीस इगतीसा / / अट्ठदया सामन्नेग हुति पंचिदितिरियाणं // 74 // एएसिं संताण वि पंच जहेगिदियाण भणियाणि / सम्मत्ता तिरियगई इत्तो बुच्छामि मणुयगई // 7 // तत्थ मणुयाण अट्ठ वि बंधट्ठाणाणि पुव्वभणियाणि / ' चउवीसविरहियाइं . एकारस उदयठाणाणि // 6 // अत्तरिवज्जाइं एकारस हुति संतठाणाणि / / सामन्नमिणं चुच्छं विसेसओ उदयसंताणि // 77 // इगवीसा छव्वीसा अडवीसा एगूणतीस तीसा य / " पागयमणुयाण इमाणि उदयठाणाणि पंचेव // 78|| पंचगसत्तगअट्ठगनवाहिया वीस तीस जहपुट्वि / पंचिंदियतिरियजुग्गा तहित्थ वेउविमणुयाणं // 7 // वीसेगवीस छस्सत्तअट्ठनवअहिय वीस तीसा य / . इगतीस नवट्ठ भवे दस उदया केवलिजिणाणं // 8 // मणुयगई पंचिंदियजाई तसबायरं च पज्जतं / " सूभगआइज्जजसं धुवोदएहिं समा .. वीसा // 8 // सामन्त्रकेवलिस्स य इमा . समुग्घायवट्टमाणस्स / तित्थयरस्सिगवीसा छव्वीसा देहपत्तस्स // 2 // केवलिणो पक्खित्ते ओरालदुगोवधायपत्तेए / संघयणे संठाणे सत्तावीसा य तित्थयरे // 3 // छव्वीसाए खित्ते परंघाऊसासगइसरेगयरे / ओरालकायजोगे तीसा सामन्त्रकेवलिणो // 8 // सरऊसासनिरोहे तीसा उण केवलिस्स अडवीसा / / ऊसासे अनिरुद्धे सरे निरुद्धम्मि इगुतीसा // 8 //

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