Book Title: Karmgranth tatha Sukshmarth Vicharsar Prakaran
Author(s): Veershekharvijay
Publisher: Bharatiya Prachya Tattva Prakashan Samiti
View full book text ________________ सार्धशतकनामप्रकरणम् सुरदुगावेउव्विदुगे तिपल्लमाउसु मुहुत्तंतो // 31 // 38 // तसचउपणिदिपरघाउस्सासेसु पणसीयमुदहिसयं / / बत्तीसं सुभगतिगुच्चपुरिससुभखगइ चउरंसे // 32 // 46 // उरले असंख'पोग्गलपरियट्टा साय पुवकोडूणा / तेत्तीसयरा नरदुग 'तित्थुसभउरालुवंगेसु // 33 // 40 // थिर१सुभएजसपथावरदस१असुभागिइ५खगइ१जाइ४ संघयणा | निरयारहारदुगायव 1 असाय 1 अपुमि१त्थि 1 दुजुयलुज्जोयं // 41 // समयादतमुहुत्तं सेसाणं 1 तह "जहन्नबंधो वि / तित्थाउसु अंतमुहू घुवबंधीणं तु भंगतिगं // 34 // 42 // निम्मेणथिराथिरतेयकम्मवन्नाइअगुरुसुहमसुहं नाणंतरायदसगं दंसणचउ मिच्छ धुवउदया 27 // 35 // 43 // उदओ धुवोदयाणं अणाइणंतो अणाइसंतो य / अधुवाण साइसंतो मिच्छस्स उ भंगतिगमेयं // 36 // 44 // पणनउईयममिच्छो मोहो निदाउगोयवेयणीयं / : गइजाइतितणुवंगा संघयणणुपुब्विसंठाणा // 45 // खगइदुगं पोया अधुवुदया अगुरुनिमिणपरिहीणा / ' पयडीणं तसुवीसं थिराथिरसुभासुभविहीणं ॥४६॥दारं / वेउव्वेक्कारससम्ममीसतित्थुच्चमणुदुगाउचऊ / आहारसत्तअधुवा धुवसत्ता सेस तीससयं // 37 // 47 // मोहो असम्ममीसो विग्धावरणाणि नीयवेयणियं / संघयणागिइतसवन्नवीस पणजाइखगइदुगं // 48 // तिरियदुगरतेयसत्तुरलसत्तगा 7 तित्थहीणपत्तेया / अट्ठावन्नसयाओ धुवसत्ता एय तीससयं // 46 // तिसु मिच्छत्तं नियमा अट्ठसु गुणठाणएसु भयणिज्जं / सासायणम्मि नियमा संतं सम्मं दससु भज्जं // 38 // 50 // सासणमीसे मीसं संतं नियमेण नवसु भइयव्वं / नियमा मिच्छासासाण पढमकसाया नवसु भज्जा // 5 // 1 "विउव्वियदुगे” इत्यपि / 2 "०पुग्गल०” इत्यपि / 3 "तित्तीस." इत्यपि / 4 "तित्थुसह" इत्यपि / 5 "जहण्ण०" इत्यपि /
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