Book Title: Karmgranth tatha Sukshmarth Vicharsar Prakaran
Author(s): Veershekharvijay
Publisher: Bharatiya Prachya Tattva Prakashan Samiti

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Page 669
________________ सप्ततिकामाष्यम् 'छग्गुणरासिजभंगा२८८ तीसाइ पुणो वि सरतीसा // 10 // उज्जोएणिगतीसा चउम्गुणा 4 रासिजा उ उदयंसा / छलहियगुणवनसया भंगा पंचिंदितिरियाणं // 10 // उज्जोयरहियतिरिविहि सामन्ननराण अस्थि सव्वो वि / दुगहियछव्वीससया भंगाणं ताण तो हुति // 10 // वेउब्वियपणुवीसा वेउव्विदुगं समंतचउग्सं / पत्तेयं उवघायं सिंगवीसणुपुविरहिया य // 110 // अडभंग सत्तवीस वि सुखगइ परवायसंजुय तहेव / सासुजोएगयरे अडवीस दु अट्ट 2 / 8 जवडिल्ला // 11 // उज्जोयसूसरेगयरि सास अडवीस होइ गुणतीसा / जवडिल्ला दो य अठा उज्जोए तीस जवडट्ठा // 112 // तिरि छप्पन्नं भंगा नरेसु एमेव भंगपणतीसा / जं उजोओं जईणं तहि पसत्था य जवडिल्ला // 113 // आहारसंजयाण वि एवं आहारगं तहिं वच्चं / 'एक्केको वि य भंगा सव्वत्थ वि सत्तमिलिया वि // 114 // नरगइपणिंदिजाई तसवायरपजसुभगधुवपयडी / . आदेयजसा वीसं तित्थेणिगवीस केवलिणो // 115 // उरलदुगं सट्ठाणं पत्तेगुवघायवज्जरिसहं च / सह वीसाएँ छवीसा सत्तावीसा य तित्थेणं // 116 // स च्चेव य छब्बीसा परघाउस्सासगइसरेगयरं / / पक्खिविय भवे तीसा एगत्तीसा य तित्येणं // 117 // केवलिणो तीसुदए सरंमि रुद्धे भवे इगुणतीसा। अडवीस सासरोहे अहवा तित्थयर इगतीसा // 118 // सररोहि तीस सासम्मि गूणिया एवमट्ठ मणुयगई। तससुहयपञ्जबायरपणिंदिया-ऽऽ'एजयजसेहिं // 119 / / नव तिथिण केवलिणो सव्वे भंगट्ठ पुत्वगहणेण / मणुयाण सव्वि भंगा छब्बीससया उ बावन्ना // 120 // 1 "छगुणा" इत्यपि मु. / 2 "परिघाय०" इति ह. प्रतौ / 3 “च सत्था" इति ह। " "इदियो . बिय" इत्यपि मु / 5 "पत्तेयु०" इत्यपि मु. / 6 “इज्ज" इत्यपि मुः।

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