Book Title: Jainagam Sukti Sudha Part 01
Author(s): Kalyanrushi Maharaj, Ratanlal Sanghvi
Publisher: Kalyanrushi Maharaj Ratanlal Sanghvi
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पच्छा पुरा व चहयव्वे | फेण बुब्बु सन्निभे ।
उ०. १९, १४
[ योग-सूत्र
टीका - यह शरीर आगे या पीछे छोडना ही पड़ेगा, इसकी स्थिति तो जल के फेन-या झाग के बुलबुले के समान है, जो कि अचानक और शीघ्र ही नष्ट हो जाने वाला है ।