Book Title: Jainagam Sukti Sudha Part 01
Author(s): Kalyanrushi Maharaj, Ratanlal Sanghvi
Publisher: Kalyanrushi Maharaj Ratanlal Sanghvi
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[हिंसा-सूः
(८) , पाणाणि चेवं विणिहंति मंदा।।
सू०, ७, १६, टीका-मूर्ख जीव, अज्ञानी नेताओ के पीछे चलकर भोगो । लिये और मनोरंजन के लिये नाना विध प्राणियो की घात कर रहते है, और अन्त में घोर कष्ट दायक कर्मों का बन्धन करते रहते है