Book Title: Jain Tattva Darshan Part 06
Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai
Publisher: Vardhaman Jain Mandal Chennai

Previous | Next

Page 12
________________ दादा आदेश्वरजी..1 दादा आदेश्वरजी..2 ___ आ) श्री शांतिनाथ जिन चैत्यवंदन शांति जिनेसर सोलमा, अचिरा सुत वंदो, विश्वसेन कुल नभोमणि, भविजन सुख कंदो, मृग लंछन जिन आउखुं, लाख वरस प्रमाण, हत्थिणाउर नयरी धणी, प्रभुजी गुणमणि खाण, चालीस धनुषनी देहडी ए, सम चोरस संठाण, वंदन पद्म ज्युं चंदलो, दीठे परम कल्याण D. स्तवन अ) श्री आदिनाथ जिन स्तवन दादा आदेश्वरजी, दादा आदेश्वरजी, दूरथी आव्यो दादा दर्शन द्यो, कोई आवे हाथी घोडे, कोई आवे चढे पलाणे, कोई आवे पग पाले, दादाने दरबार, हां हां दादाने दरबार. सेठ आवे हाथी घोडे, राजा आवे चढे पलाणे, हुं आवु पग पाले, दादाने दरबार, हां हां दादाने दरबार. कोई मूके सोना रुपा, कोई मूके महोर, कोई मूके चपटी चोखा, दादाने दरबार, हां हां दादाने दरबार. सेठ मूके सोना रुपा, राजा मूके महोर, हुं मूकुं चपटी चोखा, दादाने दरबार, हां हां दादाने दरबार. कोई मांगे कंचन काया, कोई मांगे आंख, कोई मांगे चरणोनी सेवा, दादाने दरबार, हां हां दादाने दरबार. पांगलो मांगे कंचनकाया, आंधलो मांगे आंख, हुं मांगु चरणोनी सेवा, दादाने दरबार, हां हां दादाने दरबार. हीरविजय गुरु हीरलोने,वीर विजय गुण गाय, शत्रुजय ना दर्शन करता, आनंद अपार, हां हां आनंद अपार. आ) माता मरूदेवीना नंद माता मरुदेवीना नंद, देखी ताहरी मूरति माझं मन लोभापुंजी, मारुं दिल लोभापुंजी. करुणानागर करुणासागर, काया कंचनवान धोरी लंछन पाउले कांई, धनुष्य पांचशे मान. - 10 दादा आदेश्वरजी..3 दादा आदेश्वरजी..4 दादा आदेश्वरजी..5 दाद आदेश्वरजी..6 दाद आदेश्वरजी..7 माता.1

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 132