Book Title: Jain Tattva Darshan Part 06
Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai
Publisher: Vardhaman Jain Mandal Chennai

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Page 56
________________ लगे हैं कि हम माता-पिता के उपकारों को भूला बैठे है, ऊपर से उनकी उपेक्षा करते रहते है। उन्होंने अपने लिए बहुत किया है। __ हे बालकों ! आज जो कुछ भी तुम हो, वह तुम्हारे माता-पिता के कारण ही हो। तुमने तो गर्भ में रहे रहे ही लाते मारी होगी, उसे दु:खी किया होगा, जन्म लेने के बाद उसकी गोद को गंदा किया होगा, मल और मूत्र से उसे गंदा किया होगा, पूरे दिन और रात रो-रो कर उसे हैरानपरेशान करते रहे होंगे, उसे सोने भी नहीं दिया होगा.. उस समय तुमसे परेशान होकर, तुम्हारी छोटीसी अनाथ अवस्था में उसने तुम्हारी गरदन नहीं मरोडी यह क्या कम है ? कल्पना करो कि तुम्हारे जन्म के साथ ही यदि तुम्हारी माता तुम्हारी परित्याग करके तुम्हें असहाय स्थिति में छोड़कर चली गई होती तो क्या तुम इस दुनिया में होते ? माता-पिता ने हमारे लिए क्या किया ? ऐसा प्रश्न करने वाला युवक मानव कहलाने का अधिकारी नहीं है। उनके उपकारों को कोई भूल सकता है ? इन उपकारों के बदले में हमने क्या किया ? माता-पिता का प्रभाव:- प्रतिदिन माँ के चरणों में प्रणाम करने वाला प्रभाशंकर पटणी अपनी माता की मृत्यु हो जाने के पश्चात् रोते-राते बोलें कि अब मुझे मेरा परभा ऐसे मीठे शब्द कौन कहेगा ? ____* भीष्म पितामह ने अपने पिता की इच्छा पूर्ति के लिए आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत धारण किया। * एक नवयुवक को लग्न मंडप में पिता की घातक बीमारी के समाचार मिलें, तो उसने तुरंत प्रतिज्ञा की, कि पिताजी जिंदे है तब तक ब्रह्मचर्य का पालन करुंगा। * श्री जंबूविजयजी महाराज साहब माताजी महाराज एवं पिता महाराज की याद में 74 वर्ष की उम्र में भी अट्ठम तप करते है। ___ * राजस्थान की दो पुत्र वधुओं ने भोग सुखों को त्याग करके पागल ससुर की सेवा की। * आचार्य श्री हेमचंद्र सूरीश्वरजी म.सा. ने पाहिणी माता को दीक्षा दी, अंतिम निर्यामणा करवाकर उनके निमित्त सवा करोड नवकार का जाप एवं साढे तीन करोड नये श्लोक सर्जन करने का संकल्प किया। * श्री रामचंद्रजी ने पिता की प्रतिज्ञा को पूर्ण करवाने के लिए वनवास स्वीकार किया। * कुणाल ने अपनी आँख फोडकर अपने पिता की आज्ञा का पालन किया। * श्रवणकुमार ने अपने माता-पिता को कॉवर (कावड) में बिठाकर तीर्थ यात्रा करवाई। * एक युवक ने अपनी 55 वर्ष की माता की इच्छापूर्ति के लिए 55 लाख रुपए पालीताणा में खर्च किए। ___* केरल की संताने प्रथम माता-पिता को प्रणाम करती है। तत्पश्चात् ही स्कूल कॉलेज इत्यादि काम | पर जाती है।

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