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अध्याय
प्रकाशकीय
लेखकीय
विषय सूची
१ : विषय प्रवेश
यापनीय शब्द का अर्थ २, यापनीय और बोटिक ८, यापनीय संघ की उत्पत्ति १२, यापनीय संघ की उत्पत्ति कथा २१, यापनीयों का उत्पत्ति स्थल २६, यापनीय संघ के अभिलेखीय साक्ष्य २७ । २ : यापनीय संघ के गण और अन्वय
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पुन्नागवृक्षमूलगण ३४, कनकोपलसम्भूतवृक्षमूलगण ३५, श्रीमूलमूलगण ३५, पुन्नागवृक्षमूलगण ३५, कण्डूर/काणूरगण ३७, कुमुदिगण /कुमुलिगण ३९, कोरयगण ३९, कोटिमडुवगण ४०, बन्दियूरगण ( वाडियूरगण ) ४१, यापनीय संघ के अन्य गण ४१, यापनीय संघ का अन्य संघों से संबंध ४३, निर्ग्रन्थ संघ और मूलसंघ ४४, मूलसंघ (निर्ग्रन्थ संघ ) का यापनीयों से संबंध ४६, कूर्चक और यापनीय ४८, द्राविड़ संघ और यापनीय संघ ५५, काष्ठासंघ और यापनीय संघ ५६, माथुरसंघ ६०, पुन्नाट संघ और यापनीय संघ ६१, लाड़बागड़ गच्छ और यापनीय ६४, यापनीय और श्वेताम्बर ६५ ।
३ : यापनीय साहित्य
यापनीयों के आगम ६८, क्या यापनीय आगम वतर्मान श्वेताम्बर आगमों से भिन्न थे ? ७१, किसी ग्रन्थ को यापनीय मानने का आधार ८१, यापनीय आचार्यों द्वारा रचित आगमिक साहित्य ८२, कसायपाहुडसुत्त ८२, षट्खण्डागम ९०, धरसेन, उनकी परम्परा और काल ९०, पुष्पदंत और भूतबलि ९८, प्रज्ञापना और षट्खण्डागम १०५, स्थानांग और षट्खण्डागम १०५, आवश्यक - नियुक्ति और षट्खण्डागम १०६, यतिवृषभ के कसायपाहुड चूर्णिसूत्र और तिलोयपण्णत्ति १०८, भगवती - आराधना १२०, मूलाचार
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पृ० सं०
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