Book Title: He Prabho Terapanth
Author(s): Sohanraj Kothari
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 9
________________ अनावृत करना मेरे लिए सम्भव नहीं हो सका। इस बार भाई मोतीलालजी रांका श्री देवेन्द्रजी कर्णावट व डॉ० महेन्द्र कर्णावट का विशेष आग्रह रहा कि मैं अमृत महोत्सव के अवसर पर जनता के पढ़ने योग्य तेरापंथ इतिहास की संक्षिप्त झांकी प्रस्तुत करूं । पता नहीं किस प्रेरणा ने कार्य किया ? मैं सप्ताह भर दो-तीन घंटे प्रति दिन बैठकर लिखता रहा और एक लघु पुस्तिका ने आकार ले लिया । मेरे मन में तेरापंथ धर्मसंघ के प्रति जो भावना है उसे मैं सर्वांश में लिखकर प्रकट कर सकूं यह कदापि सम्भव नहीं है पर फिर भी मैंने एक स्वल्प प्रयास इस दिशा में किया है । अगर यह पुस्तिका तेरापंथ इतिहास के अध्ययन की ओर पाठकों की रुचि जागृत कर सके तो मैं अपना श्रम सफल समक्षूंगा । मेरा निश्चित विश्वास है. कि तेरापंथ धर्मसंघ का इतिहास इतना गौरवशाली है कि उसकी चर्चा मात्र से ही अभय और असंगता से साक्षात् हो सकता है । वि० सं० २०४२ आषाढ़ वृदि ११-६-८५ Jain Education International For Private & Personal Use Only -सोहनराज कोठारी www.jainelibrary.org

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