Book Title: Gnatadharm Kathang Ka Sanskritik Adhyayan
Author(s): Shashikala Chhajed
Publisher: Agam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan
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षष्ठम परिवर्त ज्ञाताधर्मकथांग में राजनैतिक स्थिति
समाज व देश की रक्षा, उत्थान व विकास के लिए श्रेष्ठ राजा व सुदृढ़ राज्य का होना नितान्त आवश्यक है। उसी राज्य का कल्याण हो सकता है, जिस राज्य का राजा बलवान हो। राजा के बिना राज्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। तत्कालीन समाज में राजा राज्य का सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति था। उसके आदेश के बिना राज्य में पत्ता भी नहीं हिल सकता था। कौटिल्य ने तो राजा को ही राज्य स्वीकार किया है।' राजा और राज्य
___ ज्ञाताधर्मकथांग में विभिन्न राजाओं और उनके राज्यों का नामोल्लेख मिलता है, जिन्हें अग्रांकित सारणी द्वारा निर्देशित किया जा रहा हैक्र.सं. राजा का नाम राज्य का नाम कुणिक राजा
चम्पा नगरी श्रेणिक राजा
राजगृह नगरी मेघकुमार
राजगृह नगरी शैलक
शैलकपुर बलराजा
वीतशोका महाबल'
वीतशोका बलभद्र
वीतशोका प्रतिबुद्धिराजा
इक्ष्वाकु देश चन्द्रच्छाया
अंगदेश शंखराजा"
काशीदेश रुक्मि
कुणालदेश अदीनशत्रु
कुरुदेश जितशत्रु
पंचाल कुम्भ राजा
मिथिला जितशत्रु
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चम्पा
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