Book Title: Gautam Nam Japo Nishdish
Author(s): Dharnendrasagar
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
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२. पूर्वाचार्यप्रणीतं श्री गौतमाष्टकम्
... ।।२।।
ॐ नमः सकलकल्मपच्छिदे, भूर्भुवःस्वस्त्रितयवंदितांघ्रये । सर्वसिद्धिफलदाय तायिने, गौतमान्वयसरोजभास्वते.
119 ।। वर्धमानपदपंकजालये, सर्वलब्धिपुरुषार्थरूपिणे । श्रीन्द्रभूतिगणभृद्वराय
तेऽर्हन्मयाय परमेष्ठिने नमः.. श्रीह्रीलक्ष्मीकान्तिकीर्तिधृतीनामेकावासं मुक्तसंसारवासं । दिव्याकारं ज्ञानरत्नत्रयाद्यं, भक्त्या नित्यं नौमि तं श्रीन्द्रभूतिम............... ।।३।।
समग्रवेदागमगीतनादजन्मावनिं शुद्ध-विभूषणांगी। चतुर्भुजैर्या सुभगा सरस्वती,
श्रीगौतमं स्तौति निपीड्य पादौ ........... ।।४।। या मानुषोत्तरमहीधरमौलिरत्नं, सुस्वामिनी त्रिभुवनस्य गजाधिरूढा । नानायुधान्वितसहस्रभुजाक्षितारिः, श्रीगौतमक्रमजुषां शिवमातनोतु................... ।।५।।
देवी जयादिसहिता निधिपीठसंस्था, देवासुरेन्द्रनरचित्तविमोहिनी या ।
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