Book Title: Gautam Nam Japo Nishdish
Author(s): Dharnendrasagar
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 108
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir फल से होता है? उत्तर- हे गौतम! जिस पुरुष ने पूर्व भव में बलात्कार पूर्वक कंदर्प (काम भोग) सेवन किया हो वह तरुणाई में स्त्री का वियोग प्राप्त करता है। (७२) प्रश्न- हे भगवन्! तरुणावस्था में स्त्री को पति का वियोग क्यों होता है? उत्तर- हे गौतम! जो स्त्री पुरुष संयोग की वशीकरणादि औषधियां करती है वह पति-वियोग को प्राप्त होती है। (७३) प्रश्न- हे भगवन्! नासुर रोग किस पाप के फल से होता है। उत्तर- हे गौतम! पूर्व भव में कसाई का कर्म करने से नासुर रोग की उत्पत्ति होती है? (७४) प्रश्न- हे भगवन! शरीर में १६ रोग एक ही साथ किस पाप से होते हैं? उत्तर- हे गौतम! जिसने बहुत से ग्राम नगरों को जलाये हों वह एक ही _साथ १६ रोगों का शिकार होता है। (७५) प्रश्न- हे भगवन्! अनेक मनुष्यों को फांसी पर लटकना पड़ता है। वह किस पाप के फल से? उत्तर- हे गौतम! जिसने पूर्व भव में जलचर जीवों को बहुत मारें हों वे फांसी की सजा पाते हैं। e----- ८० For Private And Personal Use Only

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