Book Title: Gautam Nam Japo Nishdish
Author(s): Dharnendrasagar
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

View full book text
Previous | Next

Page 117
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तथा पुस्तक से सम्वन्धित कोई विशेष सूचना हो तो वह आदि . चतुर्थ वर्ग में हस्तप्रतों के लिए प्रत क्रमांक, प्रत का स्वरूप (यथाकागज, ताड़पत्र, भोजपत्र, गुटका आदि), प्रतिलेखक का नाम, प्रतिलेखन स्थल का नाम, प्रतिलेखन वर्ष आदि की सूचनाएँ उपलब्ध की जाती हैं. यहाँ विकसित किये गये इस प्रोग्राम के अन्तर्गत किसी भी प्रकाशन/कृति/पुस्तक हस्तप्रत के विषय में किसी भी प्रकार की छोटी सी छोटी जानकारी मात्र ही ज्ञात हो तब भी उनसे सम्बन्धित सूचनाओं को पलक झपकते ही प्राप्त किया जा सकता है जो शिक्षण जगत में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है. निरन्तर इस प्रोग्राम को आवश्यकता एवं उपयोगिता के अनुसार अद्यतन किये जाने की प्रकिया चल ही रही है. ___ संस्कृत, प्राकृत ग्रंथों के परिशिष्ट में देने योग्य शब्द सूची बनाने हेतु Word Index प्रोग्राम खास तौर पर तैयार किया गया है. इससे संशोधकों का बहुत ही समय अकारादि करने का बच जाता है तथा Double Entry नामक विशेष कम्प्यूटर प्रोग्राम विकसित किया गया है जिससे संस्कृत, प्राकृत आदि ग्रंथों के प्रूफ रीडिंग का कार्य नहींवत स्तर पर लाकर अशुद्धिरहित प्रकाशन हेतु विद्वानों का समय और श्रम बचता है एवं प्रकाशन की विश्वसनीयता बढ़ती है. जिसकी जैन समाज एवं विद्वद वर्ग ने भूरि-भूरि अनुमोदना की है. यह ज्ञान मन्दिर की एक विशिष्ट उपलब्धि है. सम्राट सम्प्रति संग्रहालय : जैन सांस्कृतिक एवं श्रुत परम्परा का रक्षक तथा जैन एवं आर्य संस्कृति की झाँकी का दर्शन कराता सम्राट सम्प्रति संग्रहालय निर्मित हुआ है. भगवान महावीरस्वामी के आदर्श सिद्धान्तों का प्रचार-प्रसार एवं जैन धर्म एवं संस्कृति के प्रति गौरव For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124