Book Title: Gautam Nam Japo Nishdish
Author(s): Dharnendrasagar
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
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गौतम उदयो अविचल भाण, गौतम नाम जपो जग जाण;
मोटा मंदिर मेरू समान, गौतम नामे सफल विहाण........ ।।६।। घर मयगल घोडानी जोड, वारू पहोंचे वंछीत कोड; महीयल माने म्होटा राय, जो तुठे गौतमना पाय................ ।।७।।
गौतम प्रणम्या पातक टळे, उत्तम नरनी संगत मळे;
गौतम नामे निर्मल ज्ञान, गौतम नामे वाधे वान... ........ ।।८।। पुण्यवंत अवधारो सहुं, गुरू गौतमना गुण छे वहु; कहे लावण्यसमय कर जोड, गौतम तुठे संपत्ति कोड.......... ।।९।।
(३) श्री गौतमस्वामीनो छंद
जयो जयो गौतम गणधार, मोटी लब्धि तणो भंडार; समरो वंछित फलदातार, जयो जयो गौतम गणधार.. ......... ।।१।।
वीर वजीर वडो अणगार, चौद हजार मुनि शिरदार;
जपतां नाम हुवे जयकार, जयो जयो गौतम गणधार ...... ।।२।। गयगमणी रमणी जगसार, पुत्र कलत्र सज्जन परिवार; जापे कनक कोडी विस्तार, जयो जयो गौतम गणधार......... ।।३।।
घर घोडा पायक नहि पार, सुख आसन पालखी उदार;
वैरी विकट थाये विकराल, जयो जयो गौतम गणधार.... ।।४।। प्रह ऊठी जपीए गणधार, ऋद्धि सिद्धि कमला दातर; रूपरेख मयण अवतार, जयो जयो गौतम गणधार..... .......... ।।५।।
कवि रूपचंद गणि केरो शिष्य, गौयम गुरु प्रणमे निशदिस; कहे छं(चं)द ए सुमतागार, जयो जयो गौतम गणधार.... ।।६।।
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