Book Title: Gautam Nam Japo Nishdish
Author(s): Dharnendrasagar
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 46
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मोहतमोहं हरिउं बारसवरिसाइ केवलपहाहिं । अणुगहिअ जणं मुणिमणकमलाई पयासिय रविव्व........... ।।२३ ।। बाणवइवासजीवी निसिरिअ सगणं सुहम्मसामिम्मि। मासं पाओवगओ रायगिहे तं गओ सिद्धिं ............... ||२४ ।। नमिरसुररायसेहरचुंबिअपय! संथुओसि इअ भयवं!। जिणपह! मुणिंद! गोयम! मह उवरिं पसीअ अविसामं....... 1।२५।। (११) श्री धर्महंसविरचितं श्री गौतमस्वामि स्तोत्रम् ..... ||१|| ।।२।। गौतम गोत्ररत्नं पवित्रं यदत्रास्ति तत्रोद्भवं वीरसेवाव्रतं भाग्यसौभाग्यशोभोच्चभावाद्भुतं संस्तुवे गौतमस्वामिनं ज्ञानिनम्.... वीरसेवारसास्वादसम्पादितागाधचारित्रपावित्र्यलब्धि प्रथं सौवसद्दर्शनेनैव संदर्शितो दाससंदर्शनं नौम्यहं गौतमम्... मगधेषु गोर्बर इति प्रथितं पदमस्ति तत्र सुभवं विभवं गुणरत्नरोहणगिरिं सुगिरं प्रणमामि गौतमगणप्रगुणम्. नतनाकिमौलिमुकुटप्रकट प्रसरन्मणीरुचिविधूतपदं भविकेक्षणमृतसदञ्जनभं गणधारणं श्रयत भो भविकाः. ।।३।। ..।।४।। १८ For Private And Personal Use Only

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