________________
(५८. ).
में यति थम अत्यंत उत्कृष्ट.है इस में संदेह नहीं (४) . जैनियों में त्रियों को भी यति दिक्षा लेकर परोपकारी हत्या में जन्म व्यतीत करने की आशा है यह सवोरकष्ट है (६) हमारे हाथ से जीव हिमा न होने पावे इसके लिए जैनो जितने डरते हैं उत्तने वौद्ध नहीं डरते । बौद्ध धर्म देशों में मांसाहार अधिकता से जारी है आप स्वतः हिंसा न करके दूसरे के द्वारा मारे हुए. बकरे आदि का मांस खाने में कुछ हर्ज नहीं ऐसे सुभीते का अहिंसा तत्व जो. बौद्धों ने निकाला था यह जैनियों की खीकार नहीं है । (७) जैनियों को एक समय हिंदुस्तान में बहुत उन्नतावस्या थी । धर्म, नीति, राज कार्य धुरंधरता शानदान समाजोन्नति आदि वातों में उनका समाज इतर, जगी से बहुत आगे था।
__ संसार में अब क्या हो रहा है इस ओर हमारे जैन , बंधु लक्ष देकर चलेंगे तो वह महापद पुनः प्राप्त कर सोने में उन्हें अधिक अम नहीं.पडेगा। .
: सुप्रसिद्ध संस्कृतज्ञ प्रोफेसर डा० हर्मन जेकोबी एम० ए० पी० एच०डी० वोन जर्मनी।
नैन धर्म सर्मथा स्वतंत्र धर्म है मेरा विश्वास है कि वह किसी का अनुकरण नहीं है और इसी लिए प्राचीन भारतवर्ष के तत्वज्ञान का और धर्म पद्धति का अध्ययन करने वालों के लिए वह चंड़ महत्व को वस्तु है। .
पूर्व खानदेश के कलक्टर साहिव श्रीयुत आटोरौंय. फिल्ड साहिव ७ दिसम्बर सन १९१४ को पाचोरा में श्रीयुत वछराज:: जी रूपचन्द जी की तरफ "एक पाठशाला खोलने के समय आपने अपने व्याख्यान में कहा कि
जैन जाति दया के लिए खास प्रसिद्ध है, और दया के .. लिए हजारों रुपया खर्च करते हैं। जनी पहले क्षत्री थे, यह उनके चहरे ब नाम से भी जाना जाता है। जैनी अधिक शांति प्रिय हैं । (जैन हितेच्छु पुस्तक.१६ र ११ में से ) .....