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[ 125 (3-42) एक ऐने विदग्ध पुरुष का वाचक है जो गाथाए रचने मे (पद्य रचना मे) अत्यन्त पटु हो । गीत के लिए उन्बाउल (1-34) तथा उच्च स्वर मे किये जाने वाले गान के लिए प्रोहीरित्र (1-163) शब्द व्यवहृत हुए हैं रासनृत्य के लिए कुद्दणो' (2-38) नया गाधारण नृत्य के लिए तद्दियचय (5-8 ) शब्द आये हैं । घु घरू के लिए णिग्रन (4-28) म प्रयुक्त है।
"जीनाममाना" में वाद्य यनगो से सम्बन्धित शब्दो की भरमार है । ये वाद्ययन्म अलग-अलग नामाजिक अवसरो पर प्रयोग किये जाने वाले तथा भिन्न धातुरो बोर प्राकृतिक बनम्पतियो की महायता से बनाये जाते थे । इन वाद्य यत्रो मे निम्नलिखित विशेष रूप ने उल्लेखनीय है - ढोल के लिए भभा (6-100), झुख या काम के लिए झपो (3-58) तथा तुगाग्रो (5-15), एक विशेष प्रकार की चीणा के लिए टपरी (4.14), मुख मे बजाये जाने वाले तथा तृण (नरकुल श्रादि) ने बनने वाले वाद्य के लिए पिंगुती और पिहुल (6-47), दुर्दरक नामक वाद्य के लिए वाय उघडो (7-61) ग्रादि शब्द सकलित है। कुछ ऐसे भी वाद्य यत्रो के वाचक शब्द है, जिनके स्वरूप के बारे में कुछ भी निश्चय पूर्वक नही कहा जा मयता । ऐसे शब्दो मे पिहण्डो (6-79), लुरणी (7-24) आदि उल्लेखनीय है । बच्चे के जन्म अवसर पर वजाये जाने वाले वाद्य के लिए थेवरिन (5-29) शब्द सग्रहीत किया गया है।
इन शब्दो के अतिरिक्त इस प्राकृत-कोप में ज्ञान-विज्ञान से सम्बन्धित शब्दो का भी प्रभाव नहीं है । वोउप्क तथा वनोग्रत्थ (7-50 ) - विपवत रेखाभूगोल के शब्द है । गणित से सम्बन्धित शब्दो का उल्लेख पहले किया जा चुका है । इसी प्रकार प्राकृतिक वस्तुग्रो पशु-पक्षियो तथा अन्य सासारिक वस्तुप्रो के ज्ञान की सूचना इन शब्दो के माध्यम से मिलती है। एक स्थान पर सेमल की रूई से स्त्री प्राकृति (गुडिया) के निर्माण का सकेत एक्कसिवली (1-146) शब्द मे मिलता है। इसी प्रकार कीमती पत्थरो को शान पर चढाकर उन्हे तरासना और उनसे विविध मूल्यवान वस्तुप्रो के निर्माण का भी सकेत प्रोप्पा 1-148 शब्द मे देखा जा सकता है।
"देशीनाममाला" मे सकलित "साहित्य और कला" से सम्बन्धित शब्दा. वली यद्यपि अल्पमात्रा मे है । फिर भी जितने शब्द मिलते है उनकी अपनी विशिष्ट
1. हिन्दी 'कूदना' क्रिया का विकास इस शब्द मे देखा जा सकता है। रासनृत्य मे होने वाले
त्वरित अगसचालन और पावो के पटक ने तथा उछलने कूदने के कारण ही इस नृत्य का यह नाम पडा होगा । आज भी रासनृत्य मे यही क्रिया प्रधानतया देखी जाती है।