Book Title: Deshi Nammala ka Bhasha Vaignanik Adhyayan
Author(s): Shivmurti Sharma
Publisher: Devnagar Prakashan
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1941
कगाय-ग्राम ते.-तणि तलागे-नगर रक्षकः-द्र तलेयारि । तुप्पो-कौतुक, स्निग्य -द्र. तुप्पा । दारो कटिन्त्रम्- दारनु। पटि-कनकम्-ते पमिदि। पावो-मर्प-द्र पामु या पाव । पिह-लघुपक्षिल्प-ते पिल्ल । पुल्ली-त्र्यात्र द्र-पुति। पंड-बण्डम-द्र पेण्डर। पोट्ट उदरम् द पोट्ट। फिडो-वामन-ते पोट्रि। बलियो पीन बिलिमिना। वृनबुला-वृद्धवृद ते वुलबुना । दोती. म्द्र बोन्दि। नडी-निरीक्षवलन वण्डि या वण्डि। भानो-ज्येष्ठमागिनीपति -5 वाव या भाव। नगुमो-नकुन मुगिम। पजिग-प्रबलोक्तिम ते मज्जिग । नट्टो ग गहीन मोट्ट। मठो प्रलममहि । मो य -- मेट। मयो-ति-निग-ने मष्टि-गा। मामा-गियरदेश नमते । मा-गेमग (बालदार) त मायिर या मशिर । मागिन - गृहम- माहि-त. मादम । गाना-मानुदानी- मरमा । मनी-माजानी-2 (प्रम्) मामि ।
दी-विनम् ते गुद। मंग-मर्यादा-द भरा। गो - म्-द्र मोग-ते मोगर
-प्रधान दी।

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