Book Title: Charitrya Suvas
Author(s): Babulal Siddhsen Jain
Publisher: Shrimad Rajchandra Sadhna Kendra Koba

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Page 6
________________ दूसरी आवृत्ति चारित्र-सुवासका यह दूसरा संस्करण प्रकाशित करते हुए हम हर्षका अनुभव करते है। इतिहास-प्रसिद्ध इन प्रसंगोसे हमारी नई पिढीया वाचकवर्ग प्रेरणा प्राप्त करेगा और निजी जीवनके साथ साथ सामूहिक और राष्ट्रीय जीवनको बहेतर बनाएगा ऐसी भावनाके साथ लीजिये आपकी सेवामें प्रस्तुत है यह नवीन संस्करण । विनीत साहित्य प्रकाशन समिति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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