Book Title: Chaityavandan Parvamala
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan

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Page 41
________________ पर्वमाला [३७] पूर्णिमा तथा अमावस्या नु चैत्यवन्दन अमावास कार्तिकनी मधरात्रे, महावीर स्वामि वर्या मोक्षराजं, शुक्ल मागसरे पुर्णिमा पुन्यशाली, सुदीक्षा नमो संभवं देवराज...१ प्रभु पद्मने धर्म दो सर्व जाणी, मधु पोषनी पूर्णिमा परमनाणी, अमावास आसोजनी माघ मासे, प्रभु नेमि श्रेयांस श्रीनाणवरणं...२ आसोज श्रावण तणी पूर्णिमायां, नमिनाथने वीशमा देवचविया, अमावास फाल्गुन रवि शांति दरिया, प्रभु वासुपूज्य सुधीचरण वरीया...३ पौष दशमीना चैत्यवंदनो [१] महिमा पोष वदि तिथि, दशमी अपरंपार, पार्व जिनेसर पूजीओ, जिम लही भवपार...१. ॐ ह्रीं श्री पार्श्वनाथ, अर्हते नमः जाण, गणणुं प्रभुना नामर्नु, दोय हजार प्रमाण...२.. अकासन दिन त्रण हुवे, अथवा अट्ठम सार, धर्मरत्न प्रभु पासजी, तार तार भव पार...३... [२] पोष वदि दशमी दिने, पासजी- कल्याण, अश्वसेन - राजा घरे, मोटेरो मंडाण...१... Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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