Book Title: Chaityavandan Parvamala
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Abhinav Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 39
________________ पर्वमाला [३५] __ अकादशी नु चैत्यवन्दन नमिये साचा देव सुमति, तालध्वज गिरी मातरं, अकादशी सित चैत्र मासे, नाण पंचम जिनवरं...१... शुक्ल अकादशी मागशर, जन्म दीक्षा दुःखहरं, मल्लि नमि वली केवलीश्री, अरजिन संयमवरं...२... अकादशी सित जेष्ठ मासे, जनम्या सप्तम जिनवरं, कृष्ण अकादशी फाल्गन, आदि जिन केवलपरं...३... अकादशी सित पोष पक्षे, अजित केवलश्री वरं, पोष अकादशी कृष्णा, चरित्त पारस जिनवरं...४... पद्मप्रभु निर्वाण पाम्या, समेतशिखर तीरथ वरं, असित अकादशी मागशर, रवि मन मोहन करं...५... द्वादशी (बारश) नुचैत्यवन्दन कार्तिक फाल्गत असिते जनम्या, पद्मप्रभु श्रेयांस नमो, माघ शुक्ल बारश दिन दीक्षा, अभिनंदन जिननाथ नमो.१ पोष असित ने जेठनी सिते, चंद्र सुपार्श्व जिन जन्म नमो, कार्तिक बारस असित पक्षे, नेमि जिनेश्वर च्यवन नमो.२ फाल्गुन कार्तिक असित सिते, मुनिसुव्रत अर नाण नमो, माघ मासनी बारस कृष्णा, शीतल संयम जन्म नमो.३' वैशाख मासे उज्ज्वल बारश,च्यवन विमल जिननाथ नमो, मुनिसुव्रत संयमश्री वरीया, फाल्गुन बारश श्वेत नमो.४ फाल्गुन उज्ज्वल बारश दिने, मल्लिनाथ महाराय नमो, समेतशिखर शिववधू वरीया, अर्केदु मुनिनाथ नमो.५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98