Book Title: Bruhat Kalpsutra Bhashya Ek Sanskritik Adhyayan Author(s): Mahendrapratap Sinh Publisher: Parshwanath Vidyapith View full book textPage 8
________________ विषय-सूची प्रस्तावना १-९ बृहत्कल्पसूत्र और जैन आगम, छेदसूत्रों में बृहत्कल्पसूत्र का स्थान, बृहत्कल्पसूत्रभाष्य और भाष्यकार संघदासगणि, बृहत्कल्प-बृहद्भाष्य, बृहत्कल्पसूत्रभाष्य की संस्कृत-वृत्ति, बृहत्कल्पसूत्रभाष्य की विषयवस्तु। भौगोलिक सामग्री १०-१९ जनपद- सुराष्ट्र, अवंति, कुणाल, सिन्धु-सौवीर, शूरसेन, कोशल, अंध, नेमाल (नेपाल), नगर- मथुरा, उज्जयिनी, आनन्दपुर, भृगुकच्छ, शूर्पारक, ताम्रलिप्ति, पुरिसपुर, तोसलि, ग्राम, पर्वत- उज्जयन्त, इन्द्रपद, अब्बुय (अर्बुद् -आबू), नदी- गंगा, इरावइ, गोयावरी। सामाजिक जीवन २०-५१ वर्ण एवं जाति- ब्राह्मण, (क्षत्रिय) खत्तिय, वैश्य, शूद्र, अस्पृश्य, विवाह, विवाह के प्रकार, स्वयंवर विवाह, गान्धर्व विवाह, सामाजिक संस्थाएँ, परिवार, स्त्रियों की स्थिति, दास-प्रथा, अन्न-पान, मदिरापान, मांस भक्षण, रीति-रिवाज, वस्त्र एवं अलंकार, वेश-भूषा, चादरें, जैन साध्वियों की वेश-भूषा, औजार एवं उपकरण, अलंकार, क्रीड़ा-विनोद, औषधि एवं चिकित्सा। आर्थिक जीवन ५२-७९ कृषि, कृषि उपकरण, सिंचाई, कृषि उत्पादन, चावल, गन्ना, कपास, विविध मसाले, पशुपालन, वाणिज्य और व्यापार, सार्थवाह, व्यापारिक मार्ग, स्थल मार्ग, जलमार्ग, नदी और समुद्र के व्यापारी, यान-वाहन, अन्तर्देशीय व्यापार, श्रेणियाँ, आयातनिर्यात, मूल्य निर्धारण, उद्योग-धन्धे, कताई और बुनाई, वस्त्र निर्माण के केन्द्र, सूती वस्त्र, काष्ठ उद्योग, चित्र उद्योग, चर्मPage Navigation
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