Book Title: Bharat ki Khoj Author(s): Osho Rajnish Publisher: Osho Rajnish View full book textPage 7
________________ भारत की खोज लोगों को नं है तो वह लोगों को लूटता चला जाए, लोगों का खून पीता चला जाए, गा और भूखा करता चला जाए जब सभी सपना है तो हर्ज क्या है ? पेट भरे आदमी के लिए यह व्याख्या ठीक है लेकिन भूखे आदमी के लिए यह व्याख्य ा जहर है, अफीम है। क्योंकि भूखा आदमी भूखा रह जाएगा और भूख बहुत सत्य है शरीर बहुत सत्य है, यह जो पदार्थ है बहुत सत्य है, यह जो चारों तरफ दिखाई प ड रहा है यह बहुत सत्य, यह असत्य नहीं है, इस जगत में कुछ भी असत्य नहीं है । इस जगत में जो भी है वह सत्य है और इस जगत के पूरे सत्य को जो जान लेत है वही परमात्मा को भी जान पाता है । जगत के सत्य को अस्वीकार करने से नहीं लेकिन या तो हम एक तरकीब है हमारे पास की हम कह दें सब झूठ है। एक दूस री तरकीब है की हम कुछ व्याख्याएं खोज लें हम गरीब आदमी को कहें की तू अप ने पिछले जन्मों के पापों का फल भोग रहा है, इसलिए हम क्या कर सकते हैं ? कल मैं जिस ट्रेन में था तीन आदमी मेरे डिब्बे में और थे। तीनों पढ़े लिखे लोग थे। वह तीनों बडी देर से विवाद कर रहे थे फिर एक आदमी ने कहा की इस साल भ ऐसा मालूम पड़ता है की पानी नहीं गिरेगा । जगह-जगह अकाल होगा। दूसरे आदम की ने कहा, 'होने ही वाला है। सब हमारे पापों का फल है ।' पानी नहीं गिर रहा वह हमारे पापों का फल है। बिहार में अकाल पड़ा तो गांधी जी ने कहा की बिहार के लोगों ने हरिजनों के साथ जो पाप किए हैं उसका फल भोग रहे हैं। जैसे हिंदुस्तान भर के लोगों ने हरिजनों के साथ पाप नहीं किए। हमारी हजारों साल की व्याख्या यह है की जिंदगी की समस्या को इंकार करने के लए कोई व्याख्या दे दो। आदमी गरीब क्यों है? उसने पिछले जन्मों में बुरे पाप किए हैं, बुरे कर्म किए हैं इसलिए गरीब है। बात खत्म हो गई क्योंकि पिछले जन्मों के कर्मों को अब तो नहीं बदला जा सकता है अब तो भोगना ही पड़ेगा। हां, इस जन् म में बुरे कर्म न करें। वह आदमी तो अगले जन्म में वह भी सुख भोग सकता है। अब अगले जन्म का कोई पता नहीं है और पिछले जन्म के साथ कुछ भी नहीं किया जा सकता फिर इस गरीबी के साथ क्या किया जाए। सिवाय स्वीकार करने के को ई रास्ता नहीं है। हमारी व्याख्याएं स्वीकृती सिखाती है बदलाहट नहीं, क्रांति नहीं, परिवर्तन नहीं एक गरीब आदमी क्या करे गरीबी मिटाने के लिए पहली तो बात यह है गरीबी उसके कर्मों का फल है और कर्म अब नहीं बदले जा सकते। जो उसने पिछले जन्म में किए हैं उनका फल भोगना पड़ेगा मैंने अगर आग में हाथ डाल दिया है तो मेरा हाथ ज लेगा और मुझे जलन भोगनी पड़ेगी। पिछले जन्म में कर्म किए उनकी गरीबी मुझे इस जन्म में भोगनी पड़ेगी। अब एक ही रास्ता है मैं अगले जन्म को सुधार सकता हूं जिसका कोई भी पता नहीं और व ह मैं कैसे सुधार सकता हूं? वह मैं अभी कोई बुरे कर्म न करूं और क्रांति भी एक बुरा कर्म है यह ध्यान रहे, बदलाहट की चेष्ठा भी एक बुरा कर्म है अस्वीकार करना विद्रोह करना भी एक बुरा कर्म हैं किसी को दुःख पहुंचाना भी एक बुरा कर्म है अ Page 7 of 150 http://www.oshoworld.comPage Navigation
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