Book Title: Bhagwan Mahavir ka Janmasthal Kshatriyakunda
Author(s): Hiralal Duggad
Publisher: Jain Prachin Sahitya Prakashan Mandir Delhi
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२८. दिगम्बरों की जन्मस्थान मान्यता २९. इतिहासकारों की भ्रांत मान्यताएं ३०. भ्रांत मान्यताओं की समीक्षा ३१. पं. कल्याणविजय का मत ३२. गंगापार
३३. क्षत्रियकुंड और वैशाली के मुहल्ले
३४. वैशाली के ग्राम
३५. वैशाली का मानचित्र
३६. आचार्य तुलमी एवं अन्य
३७. डा. योगेन्द्र मिश्र
३८. राहुल सांकृत्यायण एवं अन्य
३९. महावीर के जन्मस्थान का साहित्य में परीक्षण
४० (२) भूतल विद्या
४१. (३) इतिहास
४२. (४) भाषाशास्त्र
४३ (५) पुरातत्व
४४. बनिया, चक्रामदास, कोलुआ ४५ बौद्ध यात्रियों के कालमें वैशाली ४६ उपर्युक्त संदर्भ में विचारणा ४७. जैनशासन में स्तृपों का निर्माण ४८. ( ६-७) भूगोल और तर्क ४९ आर्यदेश नामावल
.(XXXII)
५०. विदेह की राजधानी वैशाली
५१. वैशाली और वमाढ, राजधानी कंडपुर
५२ क्षत्रियकड और नदिया
५३. क्षत्रियकड और वमकड ५४. काकदी
५५. (८) यात्री - यात्री संघ
५६ जन्मस्थान जाने के मार्ग
५७ परिशिष्ट १ - मगध और जैन
५६ मगध जैनधर्म की विशेषताए और जैन मम्कृति
५९. जैनधर्म एव मगध
६० परिशिष्ट-२ वैशाली गणनत्र
६१ महावीर वंश के साथ चेटक का संबंध
६२ मानभ्रम
६३ वैशाली गणतंत्र का अन
६४ वैशाली पर आक्रमण का कारण
६५. चंटक का राज्यों के साथ क्रॉटम्बिक संबंध
६६ राज्यप्रणालिया
६७. राजा उदायण
६८ टिप्पणी (Footnotes)
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