Book Title: Bhagwan Mahavir ka Janmasthal Kshatriyakunda
Author(s): Hiralal Duggad
Publisher: Jain Prachin Sahitya Prakashan Mandir Delhi
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अनुक्रम
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नं. विषय १. समर्पण २. अनुक्रम ३. पुस्तक लेखक परिचय ४. आचार्य श्री विजयेंद्रदिन्न सरि जीवन परिचय ५.प्रकाशाकीय ६. प्रस्तावना ७. भूमिका
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१.मगलाचरण २. श्रमण भगवान महावीर का जीवन परिचय ३. २४वें तीर्थकर का जन्म-जीवन-कमारकाल ४. राजकुमार वर्धमान महावीर का विवाह ५. दीक्षा और तपस्या ६. केवलज्ञान ७. धर्मोपदेश, तीर्थस्थापना, आगम रचना ८. भगवान की वाणी पर आश्रित साहित्य ९ महावीर के सिंद्धातों की गरिमा १० भगवान महावीर का निर्वाण ११. महावीर का संघ परिवार १२. ज्योतिष और वर्धमान महावीर १३. भगवान महावीर का जन्मस्थान क्षत्रियकंड १४. विदेशी विद्वानों की मान्यताएं १५. हर्मन जेकोबी की मान्यता १६. डा. हानेले की मान्यता १७.पं. कल्याणविजय की मान्यता १८. आ. विजयेन्द्र सरि की मान्यता १९. दिगम्बरों की मान्यता २०. आगम एवं श्वेतांबर जैनों की मान्यता २१. आधुनिक विद्वानों की मान्यताओं का सिंहावलोकन. २२. शोधकों की संखनुलनाओं पर
१. साहित्यिक प्रमाण २३. भगवान महावीर का गर्भ परावर्तन २४. महारानी त्रिशला का दोहद २५. महावीर जन्म-दिकमारियों का आना २६. आमलिकी क्रीड़ा १७. कुंडग्राम में दीक्षाएं
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