Book Title: Bhagvati Sutra Part 06
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 11
________________ .. (8) .... २७५९ क्रमांक विषय पृष्ठ | क्रमांक विषय पृष्ठ ६२४ भ. महावीर द्वारा गौतम की प्रशंसा २७४१ | ६३० सोमिल ब्राह्मण का भगवद् वंदन २७५४ ६२५ परमाणु आदि जानने की भजना २७४२ ६३१ यात्रा कसी करते हैं ? २७५६ उद्देशक ९ : .. ६३२ यापनीय २७५७ ६३३ बव्याबाध २७५८ ६२६ भव्य-द्रव्य नरयिकादि : २७४६ | ६३४ प्रासुक विहार २७५८ उद्देशक १० ६३५ सरिसंव भक्ष्य है या अभक्ष्य ६३६ मास भक्ष्य है या अभक्ष्य २७६२ ६२७ भावितात्मा अनगार की वैक्रियशक्ति २७५० ६३७ कुलत्था भक्ष्य है ? २७६३ २७५१ ६२८ वायु से परमाणु स्पृष्ट है ? | ६३८ आप एक हैं या अनेक ? २७६४ २७५२ / ६२९ मशक वायु से स्पृष्ट है ? ।। ६३९ सोमिल प्रतिबोधित हुआ २७६६ शतक १६ उद्देशक १ | ६४९ पृथ्वीकायिक शरीर की विशालता २७८८ .| ६५० चक्रवर्ती की दासी का दृष्टान्त २७९० ६४० लेश्या | ६५१ स्थावर जीवों की पीड़ा का उदाहरण २७६१ उद्देशक २ : उद्देशक ४ . ६४१ गर्भ और लेश्या : २७७० . ६५२ नैरयिक के महास्रवादि चतुष्क २७९४ उद्देशक ३ उद्देशक ५ ६४२ स्थावर जीव साधारण शरीरी हैं ? २७७१ ६४३ पृथ्वीकाय में लेश्या, दृष्टि, ज्ञान २७७२ | ६५३ चरम-परम नैरयिक के कर्म ६४४ पृथ्वीकाय के जीव पापी हैं ? २७७५ | क्रियादि २८०१ ६४५ अपकायादि के साधारण शरीरादि २७७९ उद्देशक ६ ६४६ स्थावर जीवों की अवगाहना २७८१ | ६५४ द्वीप-समुद्र २८०५ ६४७ स्यावर शरीर की सूक्ष्म-सूक्ष्मतरता २७८५ | ६४८ स्थावरक,य की बादर-बादरतरता उद्देशक ७ को अल्पबहुत्व २७८६ । ६५५ देवावास रलमय हैं २८०७ . २७६९ ६५० चक्रवर्ती की Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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