Book Title: Bhagvati Sutra Part 06
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 10
________________ विषयानुक्रमणिका~ शतक १८ : क्रमांक विषय पृष्ठ | क्रमांक विषय पृष्ठ उद्देशक १ ६०८ महाकर्म अल्पकर्म . २७०२ । ५९४ जीव प्रथम है या अप्रथम ? २६४८ ६०६ किस आयु का वेदन करते हैं ? २७०४ ५९५ सलेशीपनादि प्रथम है या अप्रथम? ६५२ | ६१० विकुर्वणा सरल होती है या बक्र ? २७०५ ५९६ योग उपयोगादिप्रथम है या अप्रथम? २६५६ । उद्देशक ६ ५९७ चरम अचरम २६५८ | ६११ निश्चय व्यवहार से गुड़ आदि का वर्ण २७०८ उद्देशक २ ६१२ परमाणु और स्कन्ध में वर्णादि २७१० ५६८ कार्तिक श्रेष्ठी (सेठ)-शक्रेन्द्र का उद्देशक ७ पूर्वभव २६६५ ६१३ केवली यक्षावेष्टित नहीं होते २७१४ उद्देशक ३ ६१४ उपधि के भेद २७१५ ५९९ पृथिव्यादि से...मुक्त हो सकते हैं २६७४ | ६१५ परिग्रह के भेद २७१६ ६०० निर्जरा के पुद्गल की सूक्ष्मता २६७६ / ६१६ प्रणिधान २७१७ . ६०१ निर्जरा के पुद्गलों का ज्ञान २६८० | ६१७ मद्रुक श्रावक का अन्य तीथियों .६०२ संज्ञीभूत-असंज्ञीभूत - २६८१ से वाद २७२० ६०३ द्रव्य और भाव-बन्ध के भेद २६८५ | ६१८ मद्रुक की मुक्ति का निर्णय २७२७ ६०४ पाप-कर्म में भेद २६८८ ६१९ वैक्रिय कृत हजारों शरीर में एक आत्मा २७२८ । उद्देशक ४ ६२० देवासुर संग्राम और उनके शस्त्र २७२९ ६०५ पाप की प्रवृत्ति-निवृत्ति और ६२१ देवों के कर्मक्षय का काल २७३१ . जीव-भोग ___ २६९२ उद्देशक ८ ६०६ कृतादि युग्म चतुष्क | ६२२ माधु के पांव से कुकुंटादि मरे तो ? २७३६ उद्देशक ५ ६२३ अन्यतीथियों से गौतमस्वामी ६०७ देव की सुन्दरता-असुन्दरता २७०० का वाद २७३७ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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