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हो गया। "भगवान महावीर के ५ सिद्धान्त" इस नाम की एक पुस्तक तैयार हो गई है। यह है इस पुस्तक के लिखने. की कहानी। __ "भगवान महावीर के ५ सिद्धान्त" मे भगवान महावीर के मुख्य-मुख्य पांच सिद्धान्तो का विवरण दिया गया है । 'अहिंसावाद, अनेकान्तवाद, कर्मवाद, ईश्वरवाद और अपरिग्रहवाद इन सिद्धान्तो पर प्रकाश डाला गया है । लिखने को तो इन सिद्धान्तों को लेकर बहुत कुछ लिखा जा सकता है, परन्तु यहा पर केवल इन की झाकी ही प्रस्तुत की गई है । जितनी मेरी क्षमता है, जितना मेरा बौद्धिक बल है, पूज्य आचार्यदेव के पवित्र चरणों मे रहकर मैंने इन सिद्धान्तों के सम्बन्ध मे जितना पढा है, तथा विद्वान लेखको की लिखी पुस्तको और उन के लेखो को पढ़कर जितना मैं समझ सका हू, उसी को प्राधार बना कर इन सिद्धान्तो पर कुछ प्रकाश डाला गया है। अत इन सिद्धान्तो को विशेष रूप से समझने के अभिलाषी पाठको को स्वतत्र रूप से जनागमो का अध्ययन करना चाहिए। जेनागम इन्ही सिद्धान्तो की व्याख्या से भरे पड़े हैं। उन के स्वतंत्र अध्ययन से इन को भलीभान्ति समझा जा सकता है।
मैं मानता हूं कि मैं कोई सिद्धहस्त लेखक नहीं हूं, और मैं यह भी अच्छी तरह समझता हू कि अभी मै जनदर्शन का विद्यार्थी हू, उसका किनारा मै ने प्राप्त नही किया है । अत. इस पुस्तक मे भाव, भाषा और शैली को लेकर अनेको त्रुटिया हो सकती हैं, भूलें हो सकती है । इसीलिए सहन दय पाठको से मैं सादर और सविनय प्रार्थना करता हू कि उन