Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 01 Author(s): Kanhaiyalal Maharaj Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti View full book textPage 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पण ९९ तिर्यग्लोक क्षेत्रानुपूर्वी का निरूपण १०० ऊर्बलोक क्षेत्रानुपूर्वी का निरूपण १०१ कालानुपूर्वी आदि का निरूपण १०२ नैगमव्यवहारनयसंमत अर्थपद का निरूपण .. १०३ नैगमव्यवहारनयसंमत भासमुत्कीर्तन का निरूपण १०४ नैगमव्यवहारनयसंमत मनोपदर्शन का निरूपण १०५ समातार के स्वरूप का निरूपण १०६ अनुगम के स्वरूप का निरूपण १०७ क्षेत्रद्वार और स्पर्शनाद्वार का निरूपण १०८ कालद्वार का निरूपण १०९ अन्तरद्वार का निरूपग ११० अनौपनिधिको कालानुपूर्वी का निरूपण १११ अर्थपदमरूपण आदि का निरूपण ११२ औपनिधिकी कालानुपूर्वी का निरूपण ११३ उत्कीर्तनानुपूर्वी का निरूपण ११४ गणनानुपूर्वी का निरूपण ११५ संस्थानानुपूर्वी का निरूपण ११६ सामाचार्यानुपूर्दी का निरूपरूग ११७ भावानुपूर्वी का निरूपण ११८ उपक्रम के दूसरे भेद नाम का निरूपण ११९ एक नाम के स्वरूपका निरूपण १२० द्विनाम आदि के स्वरूपका निरूपण १२१ त्रिनाम के स्वरूपका निरूपण १२२ पर्यवनामका निरूपण १२३ प्रकारान्तरसे त्रिनामका निरूपण १२४ चतुर्नामका निरूपण १२५ पांचनामों का निरूपण १२६ छ नामों का निरूपण १२७ औदयिकादि भावों के स्वरूपका निरूपण १२८ औपशमिक भावका निरूपण ५२७-५३२ ५३३-५३९ ५३९-५४० ५४१-५४७ ५४८-५५० ५५१-५५४ ५५५-५५६ ५५७-५६२ ५६३-५७३ ५७४-५७७ ५७७-१८७ ५८७-५८८ ५८८-५८९ ५९०-६०१ ६०१-६०५ ६८५-६०८ ६०८-६१४ ६२३-६२८ ६२८-६३० ६३०-६३२ ६३३-६४४ ६४५-६५५ ६५५-६६६ ६६६-६७१ ६७१-६७७ ६७७-६७९ ६७९-६८२ ६८२-६९१ ६९३-६९६ For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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