Book Title: Anusandhan 2009 07 SrNo 48
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 9
________________ अनुक्रमणिका खरतर-पूर्णभद्रगणि निम्मिअ आणंदादिदस-उवासगकहाओ सं. अमृत पटेल १ चतुर्विंशतिजिनस्तोत्रद्वय सं. मुनिसुयशचन्द्र-सुजसचन्द्रविजयौ ३५ श्री ज्ञानतिलकप्रणीतम् गवडीपार्श्वनाथादिस्तोत्रत्रयम् सं. म. विनयसागर ४३ विविधकविकृत त्रण गेय रचनाओ सं. साध्वी समयप्रज्ञाश्री ५१ पुष्पमालाचिंतवणी सं. विजयशीलचन्द्रसूरि ५६ अर्धमागधी आगम साहित्य में श्रुतदेवी सरस्वती प्रो. सागरमल जैन ६० श्री बालचन्द्राचार्य एवं श्री ऋद्धिसागरोपाध्याय रचित निर्णय प्रभाकर : एक परिचय म. विनयसागर ७४ Jain Education International For Private & Personal Use Only . www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90