Book Title: Anangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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________________ 948 अनंगपविट्ठसुत्ताणि अप्पणो कायंसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेगं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता पधोइत्ता अण्णयरेणं आलेवणजाएणं आलिंपेज वा विलिंपेज वा आलिंपंतं वा विलिंपतं वा साइजइ // 37 // जे भिक्खू अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता पधोइत्ता विलिंपित्ता तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा अभंगेज वा मक्खेज वा अभंगेंतं वा मक्खेंतं वा साइजइ // 38 // जे भिक्खू अप्पणो कार्यसि गंडं वा पिलयं वा अरइयं वा असियं वा भगंदलं वा अण्णयरेणं तिक्खेणं सत्थजाएणं अच्छिदित्ता विच्छिदित्ता णीहरित्ता विसोहेत्ता पधोइत्ता विलिंपित्ता मक्खेत्ता अण्णयरेणं धूवणजाएणं धूवेज वा पधूवेज वा धूतं वा पधूवेतं वा साइजइ // 39 // जे भिक्खू अप्पणो पालुकिमियं वा कुच्छिकिमियं वा अंगुलीए णिवेसिय 2 णीहरइ णीहरंतं वा साइजइ // 40 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाओ णहसिहाओ कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ ॥४१॥जे भिक्खू अप्पणो दीहाई वत्थीरोमाइं कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ // 42 // जे भिक्खू अप्पणोदीहाई चक्खुरोमाई क पेज वासंठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 43 // जे भिक्खू भप्पणो दीहाई जंघरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजह // 44 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाई कक्खरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संटवेतं वा साइजइ // 45 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाई मंसुरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 46 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाई केसाई कप्पेज्ज वा संठवेज्ज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइज्जइ // 47 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाई कण्णरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 48 // ने भिक्खू अप्पणो दीहाइं णासारोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेतं वा साइजइ / / 49 // जे भिक्खू अप्पणो दंते आघंसेज्ज वा पसेज्ज वा आघंसंतं पघंसंतं वा साइज्जइ॥ 50 // जे भिक्खू अप्पणो दंते सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज्ज वा पधोवेज्ज वा उच्छोलेतं वा पधोतं वा साइज्जइ // 51 // ने भिक्खू अप्पणो दंते फूमेज्ज वा रएज्ज वा फूतं वा रएंतं वा साइज्जइ // 52 // जे भिक्खू अप्पणो उढे आमज्जेज्ज वा