Book Title: Anangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh

Previous | Next

Page 691
________________ 1282 अनंगपविट्ठसुत्ताणि दिट्ठिसंपण्णो मायामोसविवजिओ, अढाइज्जेसु दीवसमुद्देसु पण्णरससु कम्मभूमिसु जावंति केइ साहू रयहरणगुच्छगपडिग्गहधारा पंचमहव्वयधार? अट्टारमसहस्स. सीलंगधारा अक्खयायारचरित्ता ते सव्वे सिरसा मणसा मत्थएण वंदामि // 7 // (आयरिय उवज्झाए, सीसे साहम्मिए कुलगण य / जे म केइ कसाया, सत्वे तिविहेण खामेमि // 1 // सव्वम्स समणसंघस्स, भगवओ अंजलिं करिय सीसे / सव्वं खमावइत्ता, खमामि सब्वस्स अयंपि ||2|| सव्वस्स जवरासिम्स. भावओ धम्मणिहियणियचित्तो। स० ||3||) खाममि सव्वजीवे, सव्वे जीवा रुमंतु मे / मिती मे सव्वभूएसु, वेरं मज्झंण केणइ // 1 // एवमहं आलोइय. गिदिय गर्गह य दुगंछिउं सम्मं / तिविहेण पडिक्कतो, वंदामि जिणे उर्वसि / / 2 // इन्छाम खमासमणो ! बंदिउं जाव अप्पाणं वोसिरामि / (दुवखुत्तो / / इइ चउत्थं पक्किमणावस्सयं समत्तं // 4 // अह पंचमं काउस्सग्गावस्सयं आवम्सही० / करेमि भंते !0 इच्छामि टामि काउसग्गं जाव समणाणं जोगाणं.. तस्स मिच्छामि दुक्कडं / तम्स उत्तरीकरणेणं जाव अप्पाणं बोसिरामि // इइ पंचम काउस्सग्गावस्सयं समत्तं // 5 // अह छठें पच्चक्खाणावस्सयं दसविहे पच्चकखाणे प० तं०-अणागयमइक्कंतं; कोडीसहियं णियंटियं चैव। सागारमणागारं, परिमाणकडं णिरवसेसं // 1 // मंकेयं चेव अद्धाए, पच्चवरवाण भवे दसहा / णमोक्कारसहियपच्चक्खाणं-उग्गए सूरे णमुक्कारसहियं पच्चखामि, चउव्विहं पि आहारं असणं पाणं खाइम साइमं अण्णत्थऽणाभोगणं सहसागारेण वोसिरामि // 1 // पोरिप्तीपच्चक्खाणं- उग्गए सूरे पोरिमि 1 कोट्ठगगयाओ गाहाओ पच्चंतरेऽहिगाओ लभति / 2 तओ चउरासीलक्ख. जीवजोणिखमावणापाढं पढि जइ / तओ- अण्णमओऽण्णत्तोऽवसेओ। 3 अस्स ठाणे केइ 'इच्छामि णं भंते ! तुभेहिं अब्भणुण्णाए समाणे देव सिय० विसोहणटुं करेमि काउसग्गं' ति उच्चारंति / 4 त्ति पढित्तु काउस्सग्गं कु जा. १.त्य 'लोरम्म उज्जोयगरे०' वारचउक्कं मणसा संसमरित्तु सणमोकार काउरसग पारित्त पुणरवि 'लोगस्स उज्जोयगरे' फुडमुच्चारेज, तओ 'इच्छामि खमासमणो०' दुवृत्ती पढिऊण गुरुसमीवे पच्चक्खेज-त्ति विही /

Loading...

Page Navigation
1 ... 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746