Book Title: Anangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
View full book text ________________ 28 पढमं परिसिळं अणुपविट्ठा जाव सुहंमुहेणं तं गम्भं परिवहइ // 151 // तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसादाणीए जे से हेमंताणं दुच्चे मासे तच्चे पक्खे पोसबहुले तस्स णं पोसबहुलस्स दसमीपक्खेणं णवण्हं मासाणं बहुपडि पुण्णाणं अट्ठमाणं राई. दियाणं विइक्कंताणं पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि विसाहाहि णवत्तणं जोगमुवागएणं आरोग्गा(आ)रोग्गं दारयं पयाया / 152 // ज रयणिं च णं पासे अरहा पुरिसा. दाणीए जाए (तं रयणि च णं) सा (णं) रयणी बहूहिं देवेहिं देवीहि य जाव उपिंजलगभूया कहकहगभूया यावि हुत्था // 153 // सेसं तहेव, णवरं जम्मणं पासाभिलावेण भाणियव्वं जाव तं होउ णं कुमारे पासे जामेणं // 154 // पासे णं अरहा पुरिसाणीए दक्खे दक्खपइण्णे पडिरूवे अल्लीणे भद्दए विणीए तीसं वासाई अगारवासमझे वसित्ता पुणरवि लोगंतिएहिं जीयकप्पिएहिं देवेहिं ताहिं इट्टाहिं नाव एवं वयासी-जय जय णंदा!, जय जय भद्दा ! जाव जयजयसई पउंति // 155-156 // पुब्धि पिणे पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स माणुस्सगाओ गिहत्थधम्माओ अणुत्तरे आहोइए तं चेव सव्वं जाव दाणं दाइयाणं परिभाइत्ता जे से हेमंताणं दुच्चे मासे तच्चे पक्खे पोसबहुले तस्स णं पोसबहुलस्स इक्कारसी दिवसेणं पुबहकालसमयंसि विसालाए सि(बि)वियाए सदेवमणुयासुराए परिसाए तं चेव सव्वं णवरं वाणारसिं णगरि मझंमज्झेणं णिग्गच्छइ 2 ता जेणेव आसमपए उजाणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता असोगवरपायवस्स अहे सीयं ठावेइ 2 त्ता सीयाओ पच्चोरुहइ 2 त्ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ 2 त्ता सयमेव पंच मुट्ठियं लोयं करेइ 2 त्ता अट्ठमेणं भत्तेणं अपाणएणं विसा. हाहिं णक्खत्तेणं जोगमुवागएणं एगं देवदूसमादाय तिहिं पुरिससएहिं सद्धिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अगगारियं पवइए // 157|| पासे गं अरहा पुरिसादाणीए तेसीई राइं दियाइं णिच्चं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ उवसग्गा उप्पज्जंति, तंजहादिव्वा वा माणुसा वा तिरिक्खजोणिया वा अणुलोमा वा पडिलोमा वा ते उप्पण्णे सम्मं सहइ खमइ तितिक्खइ अहि यासेइ // 158 // तए णं से पासे भगवं अणगारे जाए इरियासभिए जाव अप्पाणं भावमाणस्स तेसीइं राइंदियाइं विइक्कंताई, चउरासीइ(मे)मस्स राइंदि(ए)यस्स अंतरा वट्टमा(णे)णरस जे से गिम्हाणं पढमे मासे 1 पहुंसि गब्भत्थे सइ सयणिजत्थाए माऊए पासे सप्पंतो कण्हसप्पो दिट्ठो, तेण 'पासे' त्ति णामं कयं /
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