Book Title: Anangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 722
________________ कप्पसुत्तं-सिरिपासजिणचरियं 29 पढमे पक्खे चित्तबहले तस्स णं चित्तबहलस्स चउत्थीपरखेणं पुवाहकालसमयंसि धाय(ई)इपायवस्स अहे छटेणं भत्तेणं अपाणएणं घिसाहाहिं णवखत्तेणं जोगमुवागएणं झाणंतरियाए वहमाणस्स अणंते नाव जाणमाणे पासमाणे विहरइ // 159 // पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स अट्ठ गणा अट्ठ गणहरा हुत्था, तंजहा-सुभे 1 य अजघोसे 2 य, वसिढे 3 बंभयारि 4 य / सोमे 5 सिरिहरे 6 चेव, वीरभद्दे 7 जसे वि य // 1 // 160 // पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स अजदिण्णपामुक्खाओ सोलस समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया हुत्था // 16 // पासस्स ण अरहओ पुरिसादाणीयस्स पुष्फचूलापामुक्खाओ अट्ठत्तीसं अज्जियासाहसीओ उक्कोसिया अज्जियासंपया हुत्था // 162 / / पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स सुव्वयपामुक्खाणं समणोवासगाणं एगा सयसाहसी[ओ] च उसट्टि च सहस्सा उवकोसिया समणोवास(ग)गाणं संपया हुत्था // 163 // पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स सुणंदापामुक्खाणं समणोवासियाणं तिणि सयसाहसीओ सत्तासं च सहस्सा उक्कोसिया समणोवासियाणं संपया हुत्था // 164 // पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स अधुट्ठसया चउद्दसपुवीणं अजिगाणं जिणसंकासाणं सत्वव खरसण्णिवाईणं जाव चउद्दसपुवीणं संपया हुत्था // 165 // पासस्स गं अरहओ पुरिसादाणीयस्स चउद्दस सया ओहिणाणीणं, दस सया केवलणाणीणं ए(इ)कारस सया वे उ(व्विया)चीणं, छस्सया रिउमईणं, दस समणसया सिद्धा, वीसं अज्जियासया सिद्धा, अद्ध?मसया विउलमईणं, छ()सया वाईणं, बारस सया अणुत्तरोववाइयाणं // 166 // पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स दुविहा अंतगडभूमी हुत्था, तंजहा-जुगंतकडभूमी य परियायंतकडभूमी य, जाब चउत्थाओ पुरिसजुगाओ जुगंतकडभूमी, तिवासपरियाए अंतमकासी // 167 // तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसादाणीए तीसं वासाइं अगारवासमज्जे वसित्ता तेसीइं राइंदियाइं छउमत्थपरियायं पाउणित्ता देसूणाई सत्तरि वासाई केवलिपरियायं पाउणित्ता पडिपुण्णाइं सत्तरि वासाइं सामण्णपरियायं पारणित्ता एककं वाससयं सव्वाउयं पालइत्ता खीणे वेयणिजाउयणामगुत्ते इमीसे ओसप्पिणीए दूसमसुसमाए * 'समाए बहुविइक्कंताए जे से वासाणं पट मे मासे दुच्चे परखे सावणसुद्धे तस्स णं सावणसुदस्स अट्ठमीपक्खेणं उप्पिं सम्मेयसेलसिहरंसि अप्पच उत्तीसहमे मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं विसाहाहिं णक्खत्तेणं बोगमुवागएणं पुव्व(रत्तावरत्त)हकालसम

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