Book Title: Anangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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________________ 1008 अनंगपविट्ठसुत्ताणि गयजूहियट्ठाणाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ // 266 // जे भिक्खू अभिसेयट्ठाणाणि या अक्खाइयवाणाणि वा माणुम्माणप्पमाणियट्ठाणाणि वा महया हयणट्टगीयवाइयतंतीतलतालतुडियपडुप्पवाइयट्ठाणाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेंतं वा साइजइ // 267 // जे भिक्खू डिंबाणि वा डमराणि वा खाराणि वा वेराणि वा महाजुद्धाणि वा महासंगामाणि वा कलहाणि वा बोलाणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ // 268 // जे भिक्खू विरूवरूवेसु महुस्सवेसु इत्थीणि वा पुरिसाणि वा थेराणि वा मज्झिमाणि वा डहराणि वा अणलंकियाणि वा सुअलंकियाणि वा गायंताणि वा वायंताणि वा णच्चंताणि वा हसंताणि वा मंताणि वा मोहंताणि वा विउलं असणं बा 4 परिभायंताणि वा परिभुजंताणि वा कण्णसोयपडियाए अभिसंधारेइ अभिसंधारेतं वा साइजइ // 269 // जे भिक्खू इहलोइएसु वा सद्देसु परलोइएसु वा सद्देसु दिद्रुसु वा सद्देसु अदिढेसु वा सद्देसु सुएसु वा सद्देसु असुएसु वा सद्देसु विण्णाएसु वा सद्देसुः सज्जइ रजइ गिज्झइ अन्झोववजह सज्जंतं रज्जतं गिझंतं अज्झोववज्जतं वा साइजइ / तं सेवमाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं उन्धाइयं // 270 // णिसीहऽज्झयणे सत्तरसमो उद्देसो समत्तो // 17 // __ अट्ठारसमो उद्देसो जे भिक्खू अणट्ठाए णावं दुरूहइ दुरूहतं वा साइजइ // 1 // जे भिक्खू णावं किणइ किणावेइ कीयं आहट्ट देजमाणं दुरूहइ दुरूहतं वा साइजइ // 2 // जे भिक्खू णावं पामिच्चइ पामिच्चावेइ पामिच्चं आहट्ट देजमाणं दुरूहइ दुरूहंत वा साइज्जइ // 3 // जे भिक्खू णावं परियट्टेइ परियट्टावेह परियट्ट आहटु देजमाणं . दुरूहइ दुरूहंतं वा साइजइ // 4 // जे भिक्खू णावं अच्छेज्नं अणिसिढे अभिहडं आहह देजमाणं दुरूहइ दुरुहंतं वा साइबइ // 5 // जे भिक्खू थलाओ णावं जले ओकसावेइ ओकसावेतं वा साइजइ // 6 // जे भिक्खू जलाओ णावं थले उकसावेइ उकसावेतं वा साइजइ // 7 // जे भिक्खू पुण्णं णावं उस्सिंचइ उस्सिंचंतं वा साइजइ // 8 // जे भिक्खू सण्णं णावं उप्पिलावेइ उप्पिलावेतं वा साइजइ // 9 // जे भिक्खू उबद्धियं णावं उत्तिंगं वा उदगं वा आसिंचमाणिं वा उवरुवरि वा कजलावेमाणिं पेहाए