Book Title: Anangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
________________ अणुओगदारसुत्तं-दसणामे 1231 प्पमाणे दंव्वपप्पमाणे छविहे पण्णत्ते ।तंजहा-धम्मत्थिकाए 1 जाव अद्धासमए 6 / सेत्तं दव्बप्पमाणे / से किं तं भावप्पमाणे 1 भाबप्पमाणे चविहे पण्णत्ते / तंजहा-सामासिए 1 तद्धियए 2 धाउए 3 णिरुत्तिए 4 / से किं तं सामासिए ? सामासिए-सत्त समासा भवंति, तंजहा-गाहा-दंदे य बहेवीही, कामधारय दिग्गु ये / तप्पुरिसे अब्बईभावे, एक्कसेसे य सत्तमे // 1 // से किं तं दंदे ? दंदे-दंताश्च ओष्ठौ च दन्तोष्ठम् , स्तनौ च उदरं च-स्तनोदरम् , वस्त्रं च पात्रं च-वस्त्रपात्रम् , अश्वाश्च महिषाश्च अश्वमहिषम् , अहिश्च णकुलश्च अहिणकुलम् / सेत्तं दंदे समासे। से किं तं बहुव्वीही समासे 1 बहुव्वीही समासे-फुल्ला इमम्यि गिरिम्मि कुडयकयंबा सो इमो गिरी पुल्लियकुडयफयंबो। सेत्तं बहुम्वीही समासे / से किं तं कम्मधारए ? कम्मधारए-धवलो वसहो धवलबसहो, किण्हो मिओ=किण्हमि.ओ,सेओ पड़ो सेयपडो, रत्तो पडो रत्तपडो। सेतं कम्मधारए / से किं तं दिगुसमासे ? दिगुसमासे-तिण्णि कडुगाणि तिकडुगं,तिण्णि महराणि तिमहरं, तिणि गुणाणि तिगुणं, तिण्णि पुराणि=तिपुरं, तिण्णि सराणि तिसरं, तिष्णि पुखराणि तिपुक्खरं, तिणि बिंदु पाणि-तिबिंदुयं,तिणि पहाणि-तिपह,पंच णईओ-पंचणयं,सत्त गया-सत्तगयं, णव तुरंगा-णवतुरंगं, दस गामा-दसगाम, दस पुराणि-दसपुरं / सेत्तं दिगुसमासे। से किं तं तप्पुरिने ? तप्पुरिसे-तित्थे कागो-तित्थकागो, वणे हत्थी-वणहत्थी,वणे वराहो-वणवराहो, वणे महिसो-वणमहिसो, बणे मऊरो-वणमऊरो। सेत्तं तप्पुरिसे / से किं तं अव्वईभावे ? अब्बईभावे-अणुगामं, भणुणइयं, अणुफरिहं, अणुचरिमं / सेत्तं अव्वईभावे समासे / से किं तं एगसेसे ? एगसेसे-जहा एगो पुरिसो तहा बहवे पुरिसा, जहा बहवे पुरिसा तहा एगो पुरिसो; जहा एगो करिसावणो तहा बहवे करिसावणा, जहा बहवे करिसावणा तहा एगो करिसावणो; जहा एगो साली तहा बहवे साली, जहा बहवे साली तहा एगो साली / सेत्तं एगसेसे समासे / सेत्तं सामासिए / से किं तं तद्धितए ? तद्धितए अट्ठविहे पण्णत्ते / तं०-गाहा-कम्मे सिप्पै सिलोऎ,संजोग समीवओ य संजूहो। इस्सरिय अवच्चेण य,तद्धितणामं तु अट्ठ. विहं // 1 // से किं तं कम्मणामे ? कम्मणामे-तणहारए, कट्ठहारए,पत्तहारए, दोसिए, 1 दंता य ओट्ठा य-दंतोटुं, 2 थणा य उयरं चथणोयरं, 3 वत्थं च पायं च-बत्थपत्ते,४ आसा य महिसा य=आसमहिसं,५ अही य णउलो य=अहिणउलं /
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