Book Title: Anangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
View full book text ________________ 1236 अनंगपविट्ठसुत्ताणि मावज्जेजा ? णो इणद्वे समढे, णो खलु तत्थ सत्थं कमइ / से णं भंते ! उदगावत्तं वा उदगबिंदु वा ओगाहेजा ! हंता ! ओगाहेजा / से णं तत्थ कुच्छेज वा परि. यावज्जेज वा ? णो इणटे समढे, णो खलु तत्थ सत्थं कमइ / गाहा-सत्थेण सुतिक्खेण वि, छित्तुं भेत्तु च ज ण किर सका। तं परमाणु सिद्धा, वयंति आई पमाणाणं // 1 // अणंताणं ववहारियपरमाणुपोग्गलाणं समुदयसमिइसमागमेणं-सा एगा उसण्डसण्हियाइ वा, सहसण्हियाइ वा, उढरेणूइ वा, तसरेणूइ वा, रहरेणूइ वा / अट्ठ उमण्हसण्हियाओ-सा एगा सहसण्हिया, अट्ट साहसण्हियाओ-सा एगा उढरेणू , अट्ठ उढरेणूओ-साएगा तसरेणू, अट्ठ तसरेणूओ-सा एगा रहरेणू ,अट्ठ रहरेणूओदेवकुरुउत्तरकुरूणं मणुयाणं से एगे वालग्गे, अट्ठ देवकुरुउत्तरकुरूणं मणुयाण वालग्गा-हरिवासरम्मगवासाणं मणुयाणं से एगे वालग्गे, अट्ट हरिवासरम्मगवासाणं मगुस्साणं वालग्गा-हेमवयहेरण्णवयाणं माम्साणं से एगे वालगे, उ8 हेमवयहेरण्णवयाण मणुस्साणं वालग्गा-पुव्वविदेहअवरविदेहाणं मणु रसाणं से एगे वालगे, अट्ठ पुव्वविदेहअवरविदेहाणं मणुस्साणं वालग्गा-भरहए रवयाणं मणरसाणं से एगे वालग्गे, अट्ठ भरहेरवयाणं मणुस्साणं वालग्गा-सा एगा लिक्खा, अट्ठ लिक्खाओसा एगा जूया, अट्ठ जूयाओ-से एगे जवमझे, अट्ठ जवमझे-से एगे अंगुले / एएणं अंगुलाण पमाणेणं छ अंगुलाई-पाओ, बारस अंगुलाई-विहत्थी, चीसं अंगुलाई-रयणी, अडयालीसं अंगुलाई-कुच्छी, छण्णवइ अंगुलाई-से एगे दंडेइ वा, धणूइ वा, जुगेइ वा, णालियाइ वा, अक्खेइ वा, मुसलेइ वा। एएणं धणुप्पमाणेणं दो धणुसहस्साइं-गाउयं, चत्तारि गाउयाई-जोयणं / एएणं उस्सेहंगलेणं किं पओयणं ? एएणं उस्सेहंगुलेणं णेरइयतिरिक्खजोणियमणुस्सदेवाणं सरोगाहणा मविजइ / णेरइयाणं भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-भवधारणिजा य 1 उत्तरवेउविया य 2 / तत्थ णं जा सा भवधारणिजा सा णं-जहण्णेणं अंगुलस्स असंखेजइभाग, उक्कोसेणं पंचधणु सयाई। तत्थ णं जा सा उत्तरवे उब्विया सा-जहण्णेणं अंगुलस्म संखेजइभाग, उक्कोसेणं धणुसहस्सं / रयणप्पहाए पुढवीए णेरइयाणं भंते ! केमहालिया सरी रोगाहणा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पणत्ता / तंजहा—भवधारणिजा य 1 उत्तरवेचिया य 2 / तन्थ णं जा सा भवधारणिजा सा—जहणणेणं अंगुलस्म अस् खेजइभागं, उक्कोसेणं सत्तधणूइं तिण्णि रयणीओ छच्च अंगुलाई / तत्थ ण जो मा उत्तरवेउव्यया
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