Book Title: Anangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
________________ अणुओगदारसुत्तं-कालप्पमाणे 1249 सेगं पुवकोडी / अजत्तयगभवतियभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहुत्त, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं / पजत्तयगब्भववकतियभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियपुच्छ| | गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पुचकोडी अंतोमुहुत्तूणा / खहयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागो। सम्मुच्छिमखहयरपंचिंदियपुच्छा। गो० ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं बावत्तरि वाससहस्साई / अपजत्तगसम्मुच्छिमखह. यरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहत्त, उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं / पजत्तगसम्मुच्छिमखहयरपंचिंदियपुच्छा / गोयमा! जहण्णणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं बावत्तरि वाससहस्साइं अंतोमुहुत्तूणाई / गम्भवक्कंतियखयरपंचिंदियपुच्छा। गो०! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागो / अपजत्तयगम्भवक्कंतियखहयरपंचिंदियपुच्छा। गोयमा ! जहण्णेण वि अंतोमुहत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं / पजत्तगगब्भवक्कंतियखहयरपंचिंदियतिरिवखजोणि या भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोथमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स असंखेजइभागो अंतोमुहत्तूगो / एत्थ एए सि णं संगहणिगाहाओ भवंति, तंजहा-- सम्मुच्छिम पुव्वकोडी, चउरासीइं भवे सहस्साई / तेवण्णा बायाला, बावत्तरिमेव पक्खीणं |1|| गम्भमि पुव्वकोडी, तिणि य पलिओवमाई परमाऊ / उरग भुय पुव्वकोडी, पलिओवमासंखभागो य // 2 // मणुस्साणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तिषिण पलिओवमाई / सम्मुच्छिममणुस्साणं पुच्छा। गोयमा! जहणणेण वि अंतोमुहत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहृत्तं / गब्भवक्कंतियमणुस्साणं पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्त, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं / अपज्जत्तगगब्भवक्कंतियमणुस्साणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं / पजत्तगगम्भवक्कंतियमणुस्साणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं अंतोमुहत्तणाई। वाणमंतराणं देवाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दसवाससहस्साई, उक्कोसेणं पलिओवमं / वाणमंतरीणं देवीणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! जहण्णेणं दसवाससहस्साइं, उक्कोसेणं अद्धपलिओवमं / जोइसियाणं भंते ! देवाणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहणणं साइरेगं अट्ठभागपलिओ
Page Navigation
1 ... 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746