Book Title: Anangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 666
________________ अणुओगदारसुत्तं-कालप्पमाणे 1257 पंचिंदियतिरिक्खनोणियाण वि ओरालियसरीरा एवं चेव भाणियव्वा / पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं मंते ! केवइया वे उव्यियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहाँ-बद्धेल्लया य 1 मुक्केल्लया य 2 / तत्थ णं जे ते बद्धेलया ते णं असंखिजा, असंखिजाहिं उस्सधिणीओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखेजाओ सेढीओ पयरस्स असंखिजइभागो, तासि णं सेढीणं विक्खंभसूई अंगुलपढमवग्गमूलस्स असंखिजइभागो / मुक्केल्लया जहा ओहिया ओरालिया तहा भाणियव्वा / आहारयसरीरा जहा वेइंदियाणं तेयगकम्मगसरीरा जहा ओरालिया। मणुस्साणं भंते ! केवइया ओरालियमरीरा पण्णत्ता ? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-बद्धेल्लया य 1 मुक्केलया य 2 / तत्थ ण जे ते बद्धेलया ते णं सिय संखिजा सिय असंखिज्जा, जहण्णपए संखेजा, संखिजाओ कोडाकोडीओ, एगूणतीसं ठाणाई तिजमरूपयस्स उवरिं चउजमलपयस्स हेट्ठा, अहव णं टो वग्गो पंचमवग्गपडुप्पण्णो, अहव णं छण्णउइछेयणगदाइरासी, उक्कोसपए असंखेजा, असंखेजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहि अवहीरंति कालओ, खेत्तओ उक्कोसपए रूवपक्खित्तेहिं मणुस्सेहिं सेढी अवहीरइ कालओ असंखिजाहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहि,खेत्तओ अंगुलपढमवग्गमूलं तइय. वग्गमूलपडुप्पण्णं / मुक्केल्लया जहा ओहिया ओरालिया तहा भाणियव्वा / मणुस्साणं भंते ! केवइया वेउव्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धेल्लया य 1 मुक्केलया य 2 / तत्थ ण जे ते बघल्लया ते ण संखिज्जा, समए समए अवहीरमाणा अवहीरमाणा संखेज्जेणं कालेणं अवहीति, णो चेव णं अवहिया सिया। मुक्केलया जहा ओहिया ओरालियाणं मुक्केल्या तहा भाणियव्वा / मगुस्साणं भंते ! केवइया आहारगसरीरा पण्णत्ता? गोयमा! दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-बद्धेल्या य 1 मुक्केल्लया य 2 / तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया ते णं सिय अत्थि सिय णत्थि, जइ अस्थि नहणणेणं एक्को वा दो वा तिणि वा, उक्कोसेणं सहस्सपुहत्तं / मुक्केल्लया जहा ओहिया ओरालिया तहा भाणियव्वा / तेयगकम्मगसरीरा जहा एएसिं चेव ओरालिया तहा भाणियव्वा / वाणमंतराणं ओरालियसरीरा जहा णरइयाणं / बाणमंतराणं भंते ! केवइया वेउव्वियसरीरा पण्णत्ता ? गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-बद्धेल्लया य 1 मुक्केलया य 2. / तत्थ णं जे ते बद्धेल्लया ते णं असंखेजा, असंखेजाहिं उस्सप्पिणी. ओसप्पिणीहिं अवहीरंति कालओ, खेत्तओ असंखिजाओ सेढीओ पयरस्स असंखे जइभागो, तासि ण से ही गं विक्खभसूई संखे जजोयणसयवग्गपलिभागो पयरस्स / मुकल्या जहा ओहिया ओरालिया तहा भाणियव्व।। आहारयसरीरा दुविहा वि

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