Book Title: Anangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
View full book text ________________ 1264 अनंगपविट्ठसुत्ताणि वा धण्णे वा, तं ण ते जुत्तं वत्तुं जहा पंचण्हं पएसो, तं मा भणाहि-पंचण्हं पएसो, भणाहि-पंचविहो पएसो, तंजहा-धम्मपएसो, अधम्मपएसो, आगासपए सो, जीवपएसो, खंधपएसो।"एवं वयं ववहारं उज्जुसुओ भणइ-"ज भणसि-पंचविहोपएसो तं ण भवइ / " "कम्हा ?" "जइ ते पंचविहो पएसो, एवं ते एक्केको पएसो पंचविहो, एवं ते पणवीस इविहो पएसो भवइ, तं मा भणाहि-पंचविहो पएसो, भणाहिभइयव्वो पएसो-सिय धम्मपएसो, सिय अधम्मपएसो, सिय आगासपएसो, सिय. जीवपएसो, सिय खंधपएसो।" एवं वयं उज्जुसुयं संपइ सद्दणओ भणइ-"ज भणसि. भइयत्वो पएसो तं ण भवइ / " "कम्हा?" "जइ भइयत्वो पएसो एवं ते धम्मपएसो वि-सिय धम्मपएसो सिय अधम्मपएसो सिय मागासपएसो सिय जीवपएसो सिय खंधपएसो, अधम्मपएसो वि सिय धम्मपएसो नाव सिय खंधपएसो, जवपए सो वि . सिय धम्मपएसो जाब सिय खंधपएसो, खंधपएसो वि सिय धम्मपएसो जाव सिय खंधपएसो, एवं ते अणवत्था भविस्सइ, तं मा भणाहि-भइसन्चो पएसो, मणाहिधम्मे पएसे से पएसे धम्मे, अहम्मे पएसे से पएसे अहम्मे, आगासे पएसे से पएसे . आगासे, जीवे पएसे से पएसे णोजीवे, खंधे पएसे से पएसे णोखंघे / " एवं वयंत सद्दणयं समभिरूढो भणइ-"ज भणसि-धम्मपएसे से पएसे धम्मे जाव जवे पएसे से पएसे णोजीवे खंधे पएसे से पएसे णोखंधे तं ण भवइ / " "कम्हा ?" "इत्थं खल दो समासा भवंति, तंजहा-तप्पुरिसे य कम्मधारए य 2 / तं ण णजह कयरेणं समासेणं भणसि ? किं तप्पुरिसेणं,किं कम्मधारएणं ? जइ तप्पुरिसेणं भणसि तो मा एवं भणाहि,अह कम्मधारएणं भणसि तो विसेसओ भणाहि-धम्मे य से पएसे य से पएसे धम्मे, अधम्मे य से पएसे य से पएसे अधम्मे, मागासे य से पएसे य से पएसे आगासे,जीवे य से पए से य से पएसे णोजीवे, खंधे य से पएसे य से पएसे णोखधे / " एवं वयंतं समभिरूढं संपइ एवंभूओ भणइ-"जं जं भणसि तं तं सव्यं कसिणं पडिपुण्णं णिरवसेसं एगगहणगहियं देसे वि मे अवत्थू , पएसे वि में अवत्थू।" सेत्तं पएसदिटुंतेणं / सेत्तं णयप्पमाणे // 146 // से किं तं संखप्पमाणे ? संखप्पमाणे अट्ठविहे पण्णत्ते / तंजहा-णामसंखा 1 ठवणासंखा 2 दव्वसंखा 3 ओवम्मसंखा 4 परिमाणसंखा 5 जाणणासंखा 6 गणणासंखा 7 भावसंखा 8 / से किं तं णामसंखा ? णामसंखा-जस्स णं जीवस्स वा जाव सेत्तं णामसंखा / से किं तं टवणासंखा ? ठवणासंखा-जणं कट्टकम्मे वा पोत्थकम्मे वा जाव सेत्तं टवणासंखा / णामटवणाणं
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