Book Title: Anangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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________________ 7.12 1001 णिसीहसुत्तं उ. 15 लयंसि वा चरियसि वा पागारंसि वा दारंसि वा गोपुरंसि वा उच्चारपासवणं परिट्ठवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ // 71 // जे भिक्खू दगंसि वा दगमगंसि वा दगपहंसि वा दगतीरंसि वा दगठाणंसि वा उच्चारपासवणं परिहवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ // 72 // जे भिक्खू सुण्णगिहंसि वा सुण्णसालंसि वा भिण्णगिहंसि सा मिण्णसालंसि वा कुडागारंसि वा कोट्ठागारंसि वा उच्चारपासवणं परिट्ठवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ // 73 // जे भिक्खू तणगिहंसि वा तणसालंसि वा तुसगिहंसि वा तुससालंसि वा भुसगिहंसि वा भुससालंसि वा उच्चारपासवणं परिवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ॥७४॥ जे भिक्खू जाणगिहंसि वा जाणसालंसि वा जुग्गगिहंसि वा जुग्गसालंसि वा उच्चारपासवणं परिहवेइ. परिहवेंतं वा साइज्जइ // 75 // जे भिक्खू पणियसालंसि वा पणियगिहंसि वा परियासालंसि वा परियागिहंसि वा कुवियसालंसि वा कुवियगिहंसि वा उच्चारपासवणं परिवेइ परिवेतं वा साइज्जइ // 76 // जे भिक्खू गोणसालंसि वा गोणगिहंसि वा महाकुलंसि वा महागिहंसि वा उच्चारपासवणं परिहवेइ परिहवेंतं वा साइज्जइ // 77 // जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा असणं वा 4 देइ देंतं वा साइज्जइ // 78 // जे भिवखू पासत्थस्स असणं वा 4 देइ देतं वा साइज्जइ // 79 // जे भिक्खू पासत्थस्स असणं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंत वा साइज्जइ // 80 // जे भिक्खू ओसण्णस्स असणं वा 4 देइ देंतं वा साइज्जइ // 81 // जे भिक्खू ओसण्णस्स असणं वा 4 पडिच्छड पडिच्छंतं वा साइज्जइ // 42 // जे भिवखू कुसीलस्स असणं वा 4 देइ देंतं वा साइजइ // 83 // जे भिक्खू कुसीलस्स असणं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंत वा साइजइ // 84 // जे भिक्खु णितियस्स असणं वा 4 देइ देंतं वा साइजइ // 85 // जे भिक्खू णितियस्स असणं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइन्नइ // 86 // जे भिक्खू संसत्तस्स असणं वा 4 देइ देंतं वा साइज्जइ // 87 // जे भिक्खु संसत्तस्स असणं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज्जइ // 88 // जे मिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा वत्थं वा पडिग्गहं वा .कंबलं वा पायपुंठणं वा देइ देंतं वा साइज्जइ / / 89 // जे भिक्खू पासत्थस्स पत्थं वा 4. देई देंतं वा साइज्नइ // 90 // जे भिक्खू पासत्थस्स वत्थं वा 4 पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज्जइ // 91 // जे भिक्खू ओसण्णस्स वत्थं वा 4 देइ देंतं वा साइज्जइ // 92 // ने भिक्खू ओसण्णस्स वत्थं वा 4 पडिच्छह पडिच्छंतं