Book Title: Agam Sutra Hindi Anuvad Part 08
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Aradhana Kendra

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Page 140
________________ प्रज्ञापना- ३६/-/६०७ १३९ असंख्यातगुणा हैं, उनसे वैक्रियसमुद्घात से समवहत जीव असंख्यातगुणा हैं, उनसे मारणान्तिकसमुद्घात से समवहत जीव अनन्तगुणा हैं, उनसे कषायसमुद्घात से समवहत जीव असंख्यातगुणा हैं, उनसे वेदनासमुद्घात से समवहत जीव विशेषाधिक हैं और ( इन सबसे ) असमवहत जीव असंख्यातगुणा हैं । [६०८] भगवन् ! इन वेदना, कषाय, मारणान्तिक एवं वैक्रियसमुद्घात से समवहत और असमवहत नैरयिकों में अल्पबहुत्व - गौतम ! सबसे कम मारणान्तिकसमुद्घात से समवहत नैरयिक हैं, उनसे वैक्रियसमुद्घातवाले असंख्यातगुणा हैं, उनसे कंषायसमुद्घातवाले नैरयिक संख्यातगुणा हैं, उनसे वेदनासमुद्घात से समवहत नारक संख्यातगुणा हैं और ( इन सबसे) असमवहत नारक संख्यातगुणा हैं । भगवन् ! इन वेदनासमुद्घात से, कंपायसमुद्घात से, मारणान्तिकसमुद्घात से, वैक्रियसमुद्घात से तथा तैजससमुद्घात से समवहत एवं असमवहत असुकुमारों में अल्पबहुत्व ० ? गौतम ! सबसे कम तैजससमुद्घात से समवहत असुरकुमार हैं, (उनसे) मारणान्तिकसमुद्घात से समवहत असुरकुमार असंख्यातगुणा हैं, ( उनसे) वेदनासमुद्घाल से समवहत असुरकुमार असंख्यातगुणा हैं, ( उनसे) कषायसमुद्घात से समवहत असुरकुमार संख्यातगुणा हैं, ( उनसे) वैक्रियसमुद्घात से समवहत असुरकुमार संख्यातगुणा हैं और (इन सबसे) असंख्यातगुणा अधिक हैं- असमवहत असुकुमार । इसी प्रकार स्तनितकुमारों तक जानना । भगवन् ! इन वेदना, कपाय एवं मारणान्तिकसमुद्घात से समवहत तथा असमवहत पृथ्वीकायिकों में अल्पबहुत्व ? गौतम ! सबसे कम मारणान्तिकसमुद्घात से समवहत पृथ्वीकायिक हैं, उनसे कषायसमुद्घात से समवहत पृथ्वीकायिक संख्यातगुणा हैं, उनसे वेदनासमुद्घात से समवहत पृथ्वीकायिक विशेषाधिक हैं और इन सबसे असमवहल पृथ्वीकायिक असंख्यातगुणा हैं । इसी प्रकार वनस्पतिकायिक तक समझना । विशेष यह कि वायुकायिक जीवों में सबसे कम वैक्रियसमुद्घात से समवहत वायुकायिक हैं, उनसे मारणान्तिकसमुद्घात से समवहल वायुकायिक असंख्यातगुणा हैं, उनसे कषायसमुद्घात से समवहत वायुकायिक असंख्यातगुणा हैं और उनसे वेदनासमुद्घात से समवहत वायुकायिक विशेषाधिक हैं तथा ( इन सवसे) असंख्यातगुणा अधिक हैं असमवहत वायुकायिक जीव । इन वेदना, कषाय तथा मारणान्तिकसमुद्घात से समवहत एवं असमवहत द्वीन्द्रिय जीवों में अल्पबहुत्व - गौतम ! सबसे कम मारणान्तिकसमुद्घात से समवहत द्वीन्द्रिय हैं। उनसे वेदनासमुद्घात से समवहत द्वीन्द्रिय असंख्यातगुणा हैं, उनसे कषायसमुद्घात से समवहत द्वीन्द्रिय संख्यातगुणा और इन सबसे असमवहत द्वीन्द्रिय संख्यातगुणा अधिक हैं । इसी प्रकार चतुरिन्द्रिय तक जानना । वेदना, कपाय, मारणान्तिक, वैक्रिय तथा तैजससमुद्घात समवहत पंचेन्द्रियतिर्यञ्चों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक होते हैं ? गौतम ! सबसे कम तैजससमुद्घात से समवहत पंचेन्द्रियतिर्यञ्च हैं, उनसे वैक्रियसमुद्घातवाले असंख्यातगुणा हैं, उनसे मारणान्तिकसमुद्घात वाले असंख्यातगुणा हैं, उनसे वेदनासमुद्घातवाले असंख्यातगुणा हैं तथा उनसे कषायसमुद्घात से समवहत पंचेन्द्रियतिर्यञ्च संख्यातगुणा हैं और इन सबसे संख्यातगुणा अधिक हैं असमवहत पंचेन्द्रियतिर्यञ्च । भगवन् ! वेदना यावत् केवलिसमुद्घात से समवहत एवं असमवहत मनुष्यों में अल्पबहुत्व - गौतम ! सबसे कम आहारकसमुद्घात से समवहत मनुष्य हैं, उनसे केवलिसमुद्घातवाले संख्यातगुणा हैं, उनसे

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