________________
ix
प्राक्कथन
मैं पार्श्वनाथ विद्यापीठ की प्रबन्ध समिति के मानद सचिव माननीय श्री भूपेन्द्र नाथ जैन और संयुक्त सचिव आदरणीय श्री इन्द्रभूति बरड़ का भी कृतज्ञ हूँ जिन्होंने इस कृति के प्रकाशन की स्वीकृति देकर इसे प्रकाश में लाने का मार्ग प्रशस्त किया।
मैं पार्श्वनाथ विद्यापीठ के अपने सहयोगियों प्रवक्तागण डॉ० शिवप्रसाद, डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय, डॉ० विजय कुमार, डॉ० सुधा जैन और डॉ० असीम कुमार मिश्र (शोध अध्येता ) से समय-समय पर प्राप्त सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।
डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय ने ग्रन्थ प्रकाशन की समुचित व्यवस्था का दायित्व वहन किया अत: उन्हें पुनः धन्यवाद देता हूँ।
ग्रन्थ-लेखन के आरम्भ से ही विद्यापीठ पुस्तकालय के प्रभारी श्री ओम प्रकाश सिंह ने समय-असमय पुस्तकों को उपलब्ध कराकर जो सहयोग किया उसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूँ। मैं श्री राकेश कुमार सिंह के प्राप्त सहयोग का भी स्मरण करना चाहूँगा जिन्होंने आवश्यक छाया प्रति आदि तत्परता से उपलब्ध कराया।
इस ग्रन्थ की अक्षर-सज्जा श्री अजय कुमार चौहान, 'सरिता कम्प्यूटर्स', औरंगाबाद, वाराणसी ने की और मुद्रण कार्य 'रत्ना प्रिण्टिग वर्क्स' कमच्छा, वाराणसी ने किया है एतदर्थ हम उन दोनों लोगों के प्रति आभारी हैं।
डॉ० अशोक कुमार सिंह