Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Part 02 Uttarajjhayanani Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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ઉત્તરઝયણાણિ
૯૫૩
પરિશિષ્ટ ૧:પદાનુક્રમ
इत्तो उतसे तिविहे 3६-१०६ इरियाए भासाए तहेसणाए २०-४० उक्कोसेण वियाहिया 33-२२; 38-११3, इत्तो कालविभागं तु 3६-११,७८,१११, इरियाभासेसणादाणे २४-२ १३२, १४१, १५१, १६०थी १६६, १७५,
१२०,१८८,२१७ इसिं पसाएइ सभारियाओ १२-30 १७६, १८४, २००, २०१, २२२, २२३ इत्तो जीवविभर्ति उ६-४७ इसिज्झयं जीविय वूहइत्ता २०-४३ उक्कोसेण सई भवे
4-3 इत्थीविसयगिद्धे य ७-६ इसिस्स वेयावडियट्ठयाए १२-२४ उक्कोसोगाहणाए य
૩૬-૫૦, ૫૩ इत्थीहि अणभिद्दुए 34-9 इसीहि चिण्णाइ महायसेहि २१-२२ उग्गओ खीणसंसारो
२७-७८ इत्थीजणस्सारियझाणजोग्गं 3२-१५ इस्सरियं केवलं हिच्चा १८-34 उग्गओ विमलो भाणू इत्थीण चित्तंसि निवेसइत्ता ३२-१४ इस्साअमरिसअतवो
3४-२३ उग्गं तवं चरित्ताणं
२२-४८ इत्थीपसुविवज्जिए 3०-२८ इहं तु कम्माई पुरेकडाई १३-१८ उग्गं महव्वयं बंभं
१८-२८ इत्थी पुरिससिद्धाय 36-४८ इहं बोंदि चइत्ताणं
38-५६ उग्गमुप्पायणं पढमे
२४-१२ इत्थी वा पुरिसो वा 30-२२ इहं सि उत्तमो भंते ! ८-५८ उग्गा जहा धरिजंति
3०-२७ इत्थी विप्पजहे अणगारे ८-१८ इह कामगुणेहि मुच्छिया १०-२० उच्चं अट्ठविहं होइ
33-१४ इमं एयारिसं फलं १३-२८ इह कामणियट्टस्स ७-२६ उच्चं नीयं च आहियं
33-१४ इमं गिहं चित्तधणप्पभूयं १३-१७ इह कामाणियट्टस्स
७-२५ उच्चागोए य वण्णवं
3-१८ इमं च मे अत्थि इमं च नत्थि १४-१५ इह जीविए राय ! असासणम्मि १३-२१ उच्चारं पासवणं
૨૪-૬ ૫ इमं च मे अस्थि पभूयमन्नं १२-34 इह जीवियं अणवकंखमाणो १२-४२ उच्चारसमिईसुय
૧૨-૨ इमं च मे किच्च इमं अकिच्चं १४-१५ इह जीवियं अणियमेत्ता ८-१४ उच्चाराईणि वोसिरे
२४-१८ इमं देहं समुद्धरे ६-१७ इहज्जयंते समणो म्हि जाओ १३-१२ उच्चारे समिई इय
२४-२ इमं पट्ठमुदाहरे ५-१ इहमेगे उ मन्नति
६-८ उच्चावयाई मुणिणो चरंति ૧૨-૧૫ इमंमि लोए अदुवा परत्था ४-५ इह लोए निप्पिवासस्स १८-४४ उच्चावयाहिं सेज्जाहिं
૨-૨૨ इमं वक्र उदाहरे २२-3६ इहागच्छऊ कुमारो २२-८ उच्चोयए महु कक्के य बंभे
१३-१३ इमं वयं वेयविओ वयंति १४-८ इहेव पोसहरओ
५-४२. उज्जहित्ता पलाय इमं वयणमब्बवी -६; १२-५; १3- ईसाणम्मि जहन्नेणं 36-२२३ उज्जाणं नंदणोवमं
२०-3 ४; १८-८; २५-१० ईसीपब्भारनामा उ
उ६-५७ उज्जाणंमि मणोरमे
२५-3 इमं सरीरं अणिच्चं १८-१२ ईहई नरयाउयं
७-४ उज्जाणं संपत्तो इमाइं वयणाइमुदाहरित्था १२-८
उठ्ठित्ता अन्नमासणं
२-२१ इमा नो छट्ठिया जाई १3-७ उक्त्तो य अणेगसो १८-६२ उ अहे य तिरियं च
38-40 इमा वा सा व केरिसी? २३-११ उक्कलियामंडलिया 38-११८ उर्ल्ड कप्पेसु चिटुंयि
3-१५ इमाहि महुराहि वगृहि ८-५५ उक्कलुद्दहिया तहा उ६-१३७ उर्दु थिरं अतुरियं
२६-२४ इमा हु अन्ना वि अणाहया निवा! २०-3८ उक्का विज्जू य बोद्धव्वा 3६-११० उड्डे पक्कमई दिसं 3-१३; १८-८२ इमे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं १६ सू० 3 उक्कुद्दइ उप्फिडई
२७-५ उड्डपाओ अहोसिरो
१८-४८ इमे ते खलु बावीसं परीसहा० २०3 उक्कोसं जीवो उ संवसे १०-५ थी १४ उर्ल्ड बद्धो अबंधवो
१८-५१ इमेण कमजोगेण 3६-२५० उक्कोसा सा उसमयमभहिया ४-४८, उड्डमुहे निग्गयजीहनेते
૧૨ - ૨૯ इमे य बद्धा फंदंति १४-४५ ५०,५४, ५५ उण्हाभितत्तो संपत्तो
१८-६० इमे वि से नत्थि परे वि लोए २०-४८ उक्कोसा सागरा उ दुण्हऽहिया ४-५२ उण्हाहितत्ते मेहावी इमे संगे वियाणिज्जा 3५-२. उक्कोसा होइ किण्हाए 3४-४८ उत्तमंगं च पीडई
૨૦-૨૧ इमो धम्मो व केरिसो? २३-११ उक्कोसा होइ ठिई 3४-3४ थी 3८ उत्तम मणहारिणो
૨૫-૧૭ इय गेविज्जगा सुरा उ६-१२५ उक्कोसा होइ पुवकोडी उ ३४-४६ उत्तमट्ठगवेसए
૧૧-૩૨ इय जे मरंति जीवा उ६-२५७, २५८, उक्कोसिया ठिई होइ
33-१८ उत्तमट्ठगवेसओ
२५-८ २५८ उक्कोसेण उ साहिओ उ६-१८२ उत्तमधम्मसुई हु दुल्लहा
૧૦-૧૮ इयरो वि गुणसमिद्धो २०-६० उक्कोसेण ठिई भवे ३६-२१८, २२०, उत्तराई विमोहाई
પ-૨૬ इरिएसणभासाए १२-२ २२४ थी. २४३ उत्तराओ य आहिया
33-१६ इरियट्ठाए य संजमट्ठाए २६-३२. उक्कोसेण तु साहिया उ8-१८५ उत्ताणगछत्तगसंठिया य
38-६०
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