Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Part 02 Uttarajjhayanani Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 452
________________ ઉત્તર×યણાણિ ८८१ પરિશિષ્ટ ૧:પદાનુક્રમ मेरओ य महूणि य १८-90 रसओ अंबिले जे उ 38-3२ राईमई विचितेइ २२-२८ मेरु व्व वाएण अकंपमाणो २१-१८ रसओ कडुए जे उ 38-30 राओवरय चरेज्ज लाढे ૧૫-૨ मेहुणाओ सुसंवुडो २-४२ रसओ कसाए जे उ 38-39 रागं च दोसं च तहेव मोहं ३२-८ मोक्खं गओ अणुत्तरं १८-36 रसओ तित्तए जे उ उ6-२८ रागं दोसं च छिदिया १०-39 मोक्खमग्गगई तच्चं २८-१ रसओ परिणया जे उ उ8-१८ रागदोससमज्जियं 30-१,४ मोक्खसब्भूयसाहणे २3-33 रसओ फासओ चेव 3-२२ थी. २८ रागद्दोसग्गिणा जगं १४-४३ मोक्खाभिकंखिस्स वि माणवस्स 3२-१६ रसओ फासओ तहा 38-१५ रागद्दोसभयाईयं २५-२१ मोक्खाभिकंखी अभिजायसड्ढा १४-६ रसओ महुरए जे उ 38-33 रागद्दीसवसंगया १४-४२ मोणं चरिस्सामि समिच्च धम्म १५-१ रसंतो कुंदुकुंभीसु १८-५१ रागद्दोसादयो तिव्वा २३-४३ मोणं विराहेत्तु असाहुरूवे २०-४६ रसं न किंचि अवरज्झई से 3२-६४ रागद्दोसे य दो पावे 31-3 मोसं अदत्तं च असेवमाणा १२-४१ रसगिद्धेण जंतुणा १८-७ रागस्स दोसस्स य संखएणं ३२-२ मोसं अदत्तं च परिग्गहं च १२-१४ रसगिद्धे न सिया भिक्खाए ८-११ रागस्स हेउं समणुण्णमाहु ३२-२3, 3६, मोसस्स पच्छा य पुरत्थओ य३२-३१, ४४, रसस्स जिब्भं गहणं वयंति ૩૨-૬ર ४९, १२, ७५, ८८ ५७, ७०, ८3, ८६ रसाणुगासाणुगए य जीवे 3२-६६ रागाउरे ओसहिगंधगिद्धे 3२-५० मोहं कओ एत्ति उ विप्पलावो १3-33 रसाणुरत्तरस नरस्स एवं उ२-७१ रागाउरे कामगुणेसु गिद्धे उ२-८८ मोहंगयस्स संतस्स १८-७ रसाणुवाएण परिग्गहेण उ२-६७ रागाउरे बडिसविभिन्नकाए ३२-६३ मोहं च तण्हाययणं वयंति 3२-६ रसा पगामं न निसेवियव्वा 3२-१० रागाउरे सीयजलावसन्ने 3२-७४ मोहं च भिक्खू सययं वियक्खणो २१-१८ रसे अतित्ते य परिगहे य ३२-६८ रागाउरे से जह वा पयंगे ३२-२४ मोहं वा कसिणं नियच्छई १.५-६ से अतित्तो दुहिओ अणिस्सो ३२-७० रागाउरे हरिणमिगे व मुद्धे 32-33 मोहट्ठाणेसु चेव य उ१-१८ रसे अतित्तस्स परिग्गहे य उ२-६८ रागो दोसो मोहो २८-२० मोहणिज्जं पि दुविहं 33-८ रसेण वण्णेण य भुज्जमाणा ३२-२० रागो य दोसो वि य कम्मबीयं 3२-७ मोहणिज्जस्स उक्कोसा 33-२१ रसे फासे तहेव य १६-१० राढामणी वेरुलियप्पगासे २०-४२ मोहणिज्जस्स दंसणे 33-6 से विरत्तो मणुओ विसोगो उ२-93 रायं अभिक्खं समुवाय देवी १४-3७ मोहाणिला पज्जलणाहिएणं १४-१० रसेसु जो गिद्धिमुवेइ तिव्वं उ२-६३ रायस्थ देवी कमलावई य १४-3 मोहो उओ जस्स न होइ तण्हा 3२-८ रसेसु नाणुगिज्झेज्जा २-3८ गयरिसिं उत्तमाए सद्धाए रसो उ काउए नायव्वो ३४-१२. रायलक्खणसंजुए २२-१,3 य सम्मत्तसद्दहणा २८-२८ रसो उ किण्हाए नायव्वो उ४-१० रायवेट्टि व मन्नता २७-१३ रसो उ तेउए नायव्वो ४-१3 रायाणं न पडिमंतेइ १८-८ रई नोवलभामहं १८-१३ रसो उ नोलाए नायव्वो 3४-११ राया बलभद्दो त्ति ૧૯-૧ रइयाए जहक्कम २२-१२ रसो उसूक्काए नायव्चो 3४-१५ राया रज्जंतु हारए ७-११ रक्खमाणी तयं वए २२-४० रहनेमी अहं भद्दे ! २.२-39 राया सह देवीए १४-43 रक्खसा किन्नरा य किंपुरिसा उ६-२०७ रहनेमी भग्गचित्तो २२-3४ रुक्खमूले व एक्कओ उप-६ रक्खेज्ज कोहं विणएज्ज माणं ४-१२ रहाणोए तहेव य १८-२ रुक्खमूले व एगओ २-२० रज्जं तु गुणसमिद्धं १८-४८ रहियं थीजणेण य १६-१ रुक्खा गुच्छा य गुम्मा य 38-८४ रज्जंतो संजमम्मिय १८-८ रहे कल्लाण भासई ११-१२ रुप्प सुवण्णे य वइरे य 38-93 रत्तिं पि चउरो भागे २६-१७ रहे भासइ पावगं ११-८ रूवंधरे मुणिपवराण हेट्ठिमे १७-२० स्नो तहिं कोसलियस्स धूया १२-२० राइणो तम्मि संजए २०-५ रूवस्स चक्टुं गहणं वयंति ३२-२३ रमए अज्जवयणमि २.५-२० राइभाएसु चउसु वि २६-१७ रूवाणुगासाणुगए य जीवे ૩૨-૨૭ रमए पंडिए सासं १-3७ राइयं च अईयारं २६-४७ रूवाणुरत्तस्त नरस्स एवं ૩૨-૩૨ रमेज्जा संजमे मुणी उ६-२४८ राइयं तु अईयारं २६-४८ रूवाणुवाएण परिग्गहेण ३२-२८ रयणाभ सक्कराभा उ६-१५६ राईभोयणवज्जणा १८-३० रूवाहिएसु सुरेसु अ ૩૧-૧૬ रययहारसंकासा ३४-८ राईभोयणविरओ 3०-२. रूविणो चेवऽरूवी य 38-४, २४८ रयाई खेवेज्ज पुरेकडाई २१-१८ राईमई असंभंता २२-36 रूविणो य चउव्विहा 38-१० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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