Book Title: Agam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Part 02 Uttarajjhayanani Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 459
________________ ઉત્તરયણાણિ ८८८ પરિશિષ્ટ ૧:૫દાનુક્રમ २-८ सहस्सारे जहन्नेण 3६-२२८ सामिसं कुललं दिस्स १४-४६ साहू कहय पुच्छिओ ૨૫-૧૫ सहायपच्चक्खाणेणं भंते ! ....२८ सू०४० सामी कुज्जा निमंतणं २-३८ सिंगबेरे तहेव य 38-८६ सहायमिच्छे निउणत्थबुद्धि 3२-४ सामेहिं सबलेहि य १४-५४ सिंगारत्थं न धाराए १६-८ सहिए आएगवेसए स भिक्खू . १५-५ सायं च पायं उदगं फुसंता १२-3८ सिंचामि सययं देह २३-५१ सहिए उज्जुकडे नियाणछिन्ने १५-१ सायं नो परिदेवए २-८, 3६ सिक्खए नोइकोविए २१-६ सहिए खेयाणुगए य कोवियप्पा १५-१५ सायमसायं च आहियं 33-७ सिक्खासीलेत्ति वुच्चई ११-४,५ सा उ उद्धरिया कहं? २.३-४५ सायरसइड्डिहेडं उ६-२६४ सिक्खित्ता संजमं तवं ५-२८ सा उ पारस्स गामिणी २.३-७१ सायस्स उ बहू भेया 33-७ सिझंते जुगवं दुवे 38-43 सागरंतं जहिताणं १८-४० सायागारविए एगे २७-८ सिज्झिस्संति तहापरे १६-१७ सागरा अउणतीसई 3६-२४१ सारभंडाणि नीणेइ १४-२२ सिणाणं नो वि पत्थए सागरा अउणतीसंतु 3६-२४० सारहिं इणमब्बवी २२-१५ सित्ता नो व डहति मे २3-५१ सागरा अउणवीसई 36-२३१ सारहिस्स पणामए २२-२० सिद्धाइगुणजोगेसु ૩૧-૨૦ सागरा अउणवीसंतु उह-२30 सारीरमाणसा चेव १८-४५ सिद्धाणणंतभागो य 33-२४ सागरा अट्ठवीसई 3६-२४० सारीरमाणसे दुक्खे २३-८० सिद्धाणं नमो किच्चा २०-१ सागरा अट्ठवीसंतु 38-२३८ सावए आसि वाणिए २१-१ सिद्धाणेगविहा वुत्ता ३६-४८ सागरा इकतीसंतु उ.-२४२ सावए वाणिए घरं २१-५ सिद्धाणोगाहणा भवे 3६-६२,६४ सागरा इक्कवीसई 3६-२33 सावए से विकोविए २.१-२ सिद्धा सिझंति चाणेण १६-१७ सागरा इक्कवीसंतु उ६-२३२ सावज्जं वज्जए मुणी १-3६ सिद्धिं गच्छसि नीरओ ८-५८ सागरा उ छवीसई 36-२३८ सावज्जजोगं परिवज्जयंतो २१-१३ सिद्धि गोयम ! लोयं गच्छसि ૧૦-૩૫ सागराणि य सत्तेव 36-२२४ सावत्थि नगरिमागए २3-3 सिद्धि पत्ता अणुत्तरं २२-४८; २५-४३ सागरा पणुवीसई उ६-२७ सासए जिणदेसिए १६-१७ सिद्धिं पत्तो अणुत्तरं ૧૯-૯૫ सागरा सत्तवीसई 38-२३८ सासं दासं व मन्नई १-36 सिद्धि वरगइं गया 3६-६३,६७ सागरा सत्तवीसंतु उ-२३८ सासणे विगयमोहाणं १४-५२ सिद्धि संपाउणेज्जासि ૧૧-૩૨ सागरा साहिया दुनि 3६-२२३ सासयं परिनिव्वुए 3५-२१ सिद्धिगई गए गोयमे १०-39 सागरोवममेगं तु 3६-१६० साहवो संजमुत्तरा ५-२० सिद्धी लोगग्गमेव य २३-८३ साणुक्कोसे जिएहि उ २२-१८ साहस्सीए परिवुडो २२-२३ सिद्धे वा हवइ सासए १-४८ सा तेर्सि कायट्टिई उह-१६७,२४५ साहस्सीओ समागया २३-१८ सिद्धे हवइ नीरए ૧૮-૫૩ सा पव्वइया संती २२-७२ साहारणं जंच करेइ कम्म ४-४ सिद्धे हवइ सासए 3-२० सा पुढवी निम्मला सहावेणं ३६-६० साहारण सरीराउ उ६-८६ सिया हु केलाससमा असंखया ८-४८ सा बाला नोवभुंजई २०-२८ साहारण सरीरा य 3६-८३ सिरे चूडामणो जहा ૨૨-૧૦ सा मज्झम्मि वियाहिया उ.-५८ साहाहि रुक्खो लहए समाहि १४-२८ सिसुणागुव्व मट्टियं ५-१० सामण्णं च पुराकयं १८-८ साहियं पलिओवर्म 3६-२२3 सीउण्हं विविहं च दंसमसगं १५-४ सामण्णं निच्चलं फासे २२-४७ साहियं सागरं एक्कं उ६-२१८ सीएण फरुसेण वा १-२७ सामण्णं पुत्त ! दुच्चरं १४-२४ साहिया दुन्नि सागरा उ६-२२५ सीओदगं न सेविज्जा २-४ सामण्णमणुपालिउं १८-३४ साहिया सागरा सत्त उ६-२२५ सीओसिणा दंसमसा य फासा ૨૧-૧૮ सामण्णमणुपालिया १४-८५; 35-२.५० साहु गोयम ! पन्ना ते २३-२८, 3४, 3८, सीयं च सोबीरजवोदगं च १५-१३ सामण्णस्स भविस्ससि ૨૨-૪પ ४४, ४८, ५४, ५८, ६४, सीयं फुसइ एगया २-६ सामण्णे पज्जुवट्ठिओ -६१ ६८, ७४, ७८, ८५ सीयंति एगे बहु कायरा नरा २०-3८ सामण्णे पज्जुवट्ठिया १८-४६ साहुणा विम्हयत्रिओ २०-१3 सीयंति जत्था बहुकायरा नरा २१-१७ साभाइएणं भंते ! जीवे किं..... २८ सू०८ साहुस्स तस्स वयणं अकाउं १3-3४ सीयच्छाए मणोरमे सामाइयत्थ पढमं २८-३२ साहुस्स दरिसणे तस्स १८-७ सीयपिडं पुराणकुम्मासं ८-१२ सामायारिं पवक्खामि २६-१ साहु अन्नोत्थ वच्चर २७-१२ सीया उण्हा य निद्धा य उ६-२० सामायारी पवेड्या २६-४, ७ साहू कल्लाण मन्नई १-3८ सीया नीलवंतपवहा ૧૧-૨૮ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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